कालेज टीचिंग प्रोफेसरों की भर्ती आरक्षण शिक्षक संवर्ग अधिनियम 2019 पर अमंल करने की मांग

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यवतमाल. बी.पी.एस.एस. शिक्षक संवर्ग अधिनियम 2019 में आरक्षण केंद्र सरकार के आदेश भारत के सभी विश्वविद्यालय और संबंधित कालेजों में शिक्षण पदों की भर्ती पर लागू किया गया है. लेकिन उक्त कानून पर महाराष्ट्र राज्य में अबतक अमंल नहीं किए जाने से हजारों अध्यापक उन सभी प्रक्रियाओं से वंचित है. इस कानून की अमंलबजावनी करने के संदर्भ में 7 व 8 मार्च 2019 को महाविद्यालय व विश्वविद्यालय को एक इकाई के रूप में निर्धारित करके भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए सूचित किया गया है. इन सभी प्रक्रियाओं में, सरकारी संकल्प 24 अगस्त 2015 के अनुसार महाराष्ट्र में गैर-कृषि विश्वविद्यालयों और संबंधित कालेजों में शिक्षकों और प्रोफेसरों की भर्ती में आरक्षण लागू है. भर्ती प्रक्रिया उसी के अनुसार शुरू हुई है. 

इस संबंध में आरक्षण के कारण पिछडे वर्ग के ओबीसी, एसबीसी एनटीवी जेएसटीएससी के साथ बडे पैमाने पर अन्याय हुआ है. इस संबंध में 21 जुलाई 2020 को राज्य के मुख्यमंत्री से आनलाइन चर्चा कर ध्यान आकृष्ट किया गया. 24 जुलाई 21 जुलाई 2020 को विधान भवन, मुंबई के अध्यक्ष नाना पटोले को भी इस बारे में सूचित किया गया है. जब मंत्री उदय सामंत जब  12 मार्च 2020 को बाबासाहब आंबेडकर मराठवाडा विश्वविद्यालय औरंगाबाद आए थे, तब उनकी भेट लेकर उनके समक्ष भी मांग रखी गई. इन सभी प्रक्रियाओं में, भारतीय ओबीसी संगठन की ओर से राज्य के सामाजिक न्यायमंत्री अन्य पिछडा वर्ग बहुजन मंत्री विजय वेडिट्टीवार ज्ञापन सौंपकर कानून पर अमंल करने की मांग की गई. इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 7 व 8 मार्च 2019 को महाराष्ट्र सरकार से पत्राचार किया है. मुख्यमंत्री को 21 जुलाई 2020 की संपन्न बैठक में इस संबंध में बेठक में विस्तृत जानकारी दी गई. 

इस अनुरोध को तुरंत लागू करने की मांग राष्ट्रीयध्यक्ष एस.जी.माचनवार. प्रदेशाध्यक्ष डा ज्ञानेश्वर गोरे, केंद्रीय कार्यकारणी सदस्य विलास काले, विभागीय अध्यक्ष सुदाम चिंचाने, विभागीय महासचिव कालिदास भांगे, रमाकांत तिडके, डा. देवराज दराडे, औरंगाबाद जिला प्राध्यापक व महानगर महासचिव अमोल लाटे, राजू पोपलकर औरंगाबाद जिला उपाध्यक्ष औरंगाबाद ने मांग की है कि सरकार को इस मांग पर ध्यान देना चाहिए.