वैद्यकीय प्राध्यापकों का 2 नवंबर से सामुहिक रजा आंदोलन

  • अस्थाई डाक्टरों की सेवा नियमित करने की मांग

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यवतमाल. सरकारी वैद्यकीय महाविद्यालय में कई वर्ष से सहाय्यक प्राध्यापक यह अस्थाई रूप से कार्यरत है. लेकिन अबतक उन्हे नियमित नही किया गया. प्राध्यापकों ने कईबार इस संबंधी सरकार को ज्ञापन देकर आंदोलन किया. लेकिन कोई कार्रवाई नही हुई. इसलिए आगामी 2 नवंबर से अस्थाई प्राध्यापक सामुहिक रजा आंदोलन करेगे. इस संबधी 27 अक्तुबर को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौपा गया.

कोव्हिड-19 इस महामारी में सरकारी महाविद्यालय के अस्थाई सहाय्यक प्राध्यापक मरिजों की सेवा दे रहे है. गत कई वर्ष से वे अस्थाई नियुक्ति पर कार्यरत है. संबंधित डाक्टरों ने कईबार नियमित सेवा में समाविष्ट करने की मांग का ज्ञापन सरकार को सौपा. साथही 15 और 16 अक्तुबर को इसी मांग के लिए डाक्टरों ने वैद्यकीय महाविद्यालय में काली फित लगाकर आंदोलन किया. फिर भी शासन स्तर पर कोई कार्रवाई नही हुई.

सरकार के  उदासिन धोरण की वजह से कोरोना जैसी महामारी में डाक्टरों को यह निर्णय लेना पड रहा है. 2 नवंबर से राज्य के अस्थाई सहाय्यक प्राध्यापक सामुहिक रजा आंदोलन करेगे. इस आंदोलन दौरान मरिजों की सेवा पर असर हुआ तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार रहेगी ऐसी चेतावनी भी डाक्टरों ने दी है. ज्ञापन सौपते समय डा.आनंद सारस्वत, डा. शरद मानकर, डा. स्नेहल जुमले, डा. सुनिल ढोकले, डा. तेजस मडावी, डा. सुनिता टेकाम आदि सहाय्यक प्राध्यापक उपस्थित थे.