ठेका कर्मी वेतन से वंचित, कोविड सेंटर के कर्मियों पर भूखे मरने की नौबत

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    दिग्रस (सं). स्वास्थ्य विभाग में स्टाफ की कमी के चलते केंद्र पर संविदा के आधार पर स्टाफ लगाया गया था. हालांकि, कोविड सेंटर की स्थापना के बाद से इन कर्मचारियों को कोई वेतन नहीं दिया गया है, इसलिए इन कर्मचारियों के परिवारों पर भूखे रहने की नौबत आ गई है, कोरोनाकाल में सेवा देने वाले कर्मचारियों को वेतन देने की मांग का ज्ञापन नायब तहसीलदार वीजी इंगोले को सौंपा है.

    कोरोना को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने अनुसूचित जाति के बच्चों के लिए एक आवासीय विद्यालय में और पुसद-दिग्रस मार्ग पर ईसापुर गांव के बाहर पिछड़े वर्ग के बच्चों के लिए छात्रावास की स्थापना की थी. कोरोना से संक्रमित कई मरीजों को बाद में दिग्रस सहित तहसील के कई हिस्सों में कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया. इनकी देखभाल की जिम्मेदारी ठेका कर्मियों पर थी.

    कोविड सेंटर में कई तरह की गतिविधियां होती हैं जैसे कोविड सेंटर में आने वाले हर व्यक्ति से पूछताछ करना, उचित जानकारी देना, मरीजों को सामाजिक दूरी के पालन की जानकारी देना, मरीजों के रहने वाले कमरों की सफाई करना, शौचालयों की सफाई, किट का उचित निपटान और डाक्टरों, नर्सों और मरीजों द्वारा उपयोग की जाने वाली सामग्री ठेका कर्मचारी जीवन की परवाह किए बिना इसे कर रहे थे. कई बार ये मजदूर घर भी नहीं जा पाते थे, इसलिए उन्हें कोविड सेंटर में रहना पड़ा.