- मृत महिला के परिवार के है 13 बाधित
यवतमाल. कोरोनामुक्ती की ओर कदम बढा रहे और एक भी मौत नही हुए यवतमाल जिले में मुंबई रिटर्न्स ने कहर किया है. जिले में कोरोना की वजह से हुई मौत का आंकडा अब 3 पर पहुंचा है. तो सर्वप्रथम मृत हुई महिला के संपर्क में आए 17 लोग एक ही दिन पाजिटव पाए जाने से जिले में खलबली मची है. उमरखेड के नागापूर की मृत महिला का पति भी कोरोनाबाधित है. नागापूर गाव में 17 मरिजों में से एकही परिवार के 13 लोग पाजिटिव पाए जाने से प्रशासकीय यंत्रणा समेत ग्रामवासी हडबडा गए. मृत महिला और उसके परिवार के कुछ सदस्य मुंबई से गाव लौटे थे. इनकी ओर गाव समिती का ध्यान नही गया. इसमें 43 वर्षीय महिला की तबियत अचानक खराब होने से उसे यवतमाल के जिला सरकारी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में दाखिल किया गया. दुसरेही दिन उसकी सुबह मौत हुई. इस महिला का पति भी कोरोनाबाधित होने से गाव में कईयों के स्वैब सैम्पल लिए. इसमें से अब 17 लोग पाजिटिव पाए गए. जिससे गाव में अब दहशत फैली हुई है.
इस मृत महिला पर यवतमाल में नगर परिषद यंत्रणा द्वारा अंतिम संस्कार किए गए. इसी दिन और एक एक मृतदेह जो कि कोरोनाबाधित था, वह भी एम्बुलंस से यवतमाल में दाखिल हुआ. मुंबई से दग्रिस के आरंभी गाव का मरिज यवतमाल में पहुचा लेकिन बीच रास्ते में ही उसकी मौत हुई. इस मामले की जांच शुरू है. यह मौत यवतमाल में दर्ज नही की गई. लेकिन यह मृतदेह अथवा कोरोना बाधित मरिज यवतमाल पहुचा कैसे यह यक्षप्रश्न है. राजनैतिक दबाव में यह संभव हुआ होगा ऐसी चर्चा है. नाशिक से कोरोनाबाधित ट्रकचालक नेर में उर्वरक लेकर आया था. ट्रक के केबिन में उसकी लाश पायी गई. समाजसेवी इसे अस्पताल ले गए. डाक्टरों ने इसपर प्राथमिक इलाज किए लेकिन उसकी मौत होने से उसे शवगृह में रखा गया.
महागाव के मुडाणा साधूनगर के सराफा व्यापारी की तबियत खराब होने से उसे अस्पताल में दाखिल कराया गया. दुसरेही दिन उसकी मौत हुई. कोरोना का संक्रमन उन्हे कैसे हुआ यह चिंता का विषय है. यवतमाल शहर में सर्वप्रथम कोरोना का प्रवेश विदेश से हुआ. इसके बाद तबलीगी जमात के मरकज से लौटे लोगों के माध्यम से कोरोना फैला. आंकडा 100 के पार गया, डाक्टरों के प्रयासों से यह आंकडा काफी कम हुआ. कोरोनामुक्त जिला होगा ऐसा सोचही रहेते थे कि मुंबई रिटर्न ने फिरसे टेंशन बढाया है.