यवतमाल. नकली बीज और बारिश की कमी के कारण किसानों द्वारा बुआई किए सोयाबीन के बीज अंकुरित नहीं हुए. ऐसे में जिले के 10 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में दोबारा बुआई का संकट आ गया है. बीज अंकुरित नहीं होने की लगभग 600 शिकायतें कृषि विभाग को मिली है. इन शिकायतों में प्रतिदिन वृद्धि हो रही है. शिकायतों का आंकड़ा और बढ़ने की आशंका है. उमरखेड़ तहसील में सर्वाधिक शिकायतें सामने आई है. 31 मई को जिले में बारिश हुई.
लगातार दो दिनों तक अच्छी बारिश हुई. बाद में 11,12,13 और 15 जून को बारिश हुई. इसके बाद बारिश रुक जाने से बुआई कार्यों ने जोर पकड़ा. जिले में 72 फीसदी बुआई पूर्ण की गई है, पर बुआई क्षेत्रों में सोयाबीन के अंकुर नहीं उगे. इसकी प्रतिदिन शिकायतें मिल रही हैं. अब तक 600 किसानों की शिकायतें कृषि विभाग को मिली है.
अंकुरित शक्ति कम होने से बुआई के बाद जोरदार बारिश होने पर भी बीज उगे ही नहीं. ऐसे में गुणवत्ता नियंत्रण विभाग ने ऐसे बीजों को मंजूरी कैसे दी, यह सवाल उपस्थित किया जा रहा है. अब किसानों की शिकायत आने पर कृषि विभाग ने बीजों के पंचनामे शुरू किए हैं. इसके अलावा जिले में प्राप्त हुए बीज कंपनियों के सैंपल भी प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे है.
इसकी रिपोर्ट अब तक नहीं मिली. रिपोर्ट मिलते ही कंपनियों पर कृषि विभाग कार्रवाई करेगा. महाबीज उपलब्ध कराएगी बीज विविध 10 से 12 कंपनियों के बीज अंकुरित नहीं हो पाए हैं, यह बात शिकायत में सामने आई है. इसमें महाबीज कंपनी ने उनके बीजों के लिए आई शिकायतों पर किसानों को सोयाबीन के दूसरे बीज तत्काल उपलब्ध कराने के आदेश अवर सचिव उमेश चांदिवड़े ने दिए है.