कोरोना समेत सभी साथ बिमारियों का निदान अब यवतमाल में-पालकमंत्री संजय राठोड

  • वैद्यकिय महावद्यिालय के वीआरडीएल लैब का उद‍्घाटन
  • एमआरआय मशीन जल्द होगी कार्यान्वित

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यवतमाल. वर्तमान में कोरोना वायरस संक्रमण पूरी मानव जाति को खतरे में डाल रहा है. इस वायरस संक्रमण दिनों-दिन बढता जा रहा है. सरकार, प्रशासन एवं स्वास्थ्य व्यवस्था इलाज के लिए प्रयासरत है. हालांकि, किसी भी बीमारी के उचित उपचार के लिए इसका शीघ्र निदान किया जाना जरूरी है. अबतक हमने कोरोना नमूनों के परीक्षण के लिए दूसरों पर भरोसा किया है. हालांकि, मेडिकल कॉलेज में अत्याधुनिक नमूना परीक्षण की अत्याधुनिक मशीन वैद्यकिय महाविद्यालय को उपलब्ध होने से कोरोना समेत सभी छूत की बिमारी पर यवतमाल में निदान किया जाएगा, ऐसा प्रतिपादन राज्य के वन, भूकंप पुनर्वसन मंत्री तथा जिले के पालकमंत्री संजय राठोड ने किया.

स्थानीय वसंतराव नाईक सरकारी वैद्यकीय महाविद्यालय में वायरस संशोधन व निदान प्रयोगशाला (वीआरडीएल) उद‍्घाटन करते समय वे बोल रहे थे. इस समय मंच पर जिलाधिकारी एम.डी.सिंह, जि.प.मुख्य कार्यकारी अधिकारी जलज शर्मा, पुलिस अधक्षिक एम. राजकुमार, वैद्यकीय महाविद्यालय के अधष्ठिाता डा. आर.पी.सिंह, कोरोना नियंत्रण समन्वयक डा. मिलिंद कांबले, जिला शल्य चिकत्सिक डा. तरंगतुषार वारे, डा. टी.सी.राठोड आदी उपस्थित थे. कोरोना महामारी के संकट में सभी दिक्कतों का सामना करने के बाद, अंत में प्रयोगशाला शुरु की गई, जो जिले के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण घटना है, जिसके हम साक्षिदार है. लॉकडाउन के हालातों में विदेश से मशीन लाना, विविध स्तरों की अनुमति प्राप्त करना, यह सभी जोखिम भरा काम था. इसी समय, ये मशीनें सिंगापुर में फंस गई. इसलिए, मेरे मन में संदेह था कि क्या यह प्रयोगशाला यवतमाल में शुरू की जाएगी या नहीं.

हालांकि, जिलाधिकारी के नेतृत्व में पूरी प्रणाली ने कठिनाइयों पर काबू पा लिया और इसे संभव बना दिया. पूरा प्रशासन इसके लिए बधाई का पात्र है. जिले में कोरोनाबाधित मरीजों की संख्या शुरुवात में दुबई, मरकज एवं अब मुंबई-पुने से आनेवाले लोगों से बढ रहा है. इन बाधित मरीजों के सैंपल परीक्षण के लिए भेजने के पश्चात रिपोर्ट मिलने में देर होती थी. जिससे उक्त मरीज पाजिटिव है? की निगेटिव? यह पता नहीं चलता था. इसी दौरान पाजिटिव मरीज कहा-कहा गए होंगे, कितने लोगों के संपर्क में आए होंगे, इसका अनुमान लगाना संभव नहीं. हालांकि अब कोरोना के लक्षणों के साथ सैंपल अन्य जगहों पर भेजने की जरूरत नहीं तथा इसका निदान यवतमाल में होगा जिससे जल्द उपचार मिलने में मदद मिलेगी. केवल कोविड के सैंपल ही नहीं तो प्रयोगशाला में सभी छूत की बिमारी तथा एचआइवी, चिकनगुनिया, डेंगू आदि जैसे तमाम छूत की बीमारियों का भी परीक्षण किया जाएगा. हमारे जिले में इलाज की प्रमाण बहुत अच्छा है.

स्वास्थ्य विभाग ने सभी में विश्वास पैदा किया है. कोरोना के खिलाफ इस जंग में सभी ने सराहनीय काम किया, लेकिन जंग अभी खत्म नहीं हुई. हम सभी योद्धाओं और नागरिकों की मदद से इस जंग को जीतना चाहते हैं. इसके लिए सभी को सरकार और प्रशासन के आदेशों का पालन करना चाहिए, पालकमंत्री ने आवाह‍्न किया. तथा यवतमाल को मशीन उपलब्ध कराने के लिए हॉपकिन के प्रबंध निदेशक डा. राजेश देशमुख के आभार माने. इससे पहले, पालकमंत्री मंत्री संजय राठोड ने मेडिकल कॉलेज परिसर में एमआरआई मशीन की नींव रखी और इसके लिए अच्छी तरह से सुसज्जित भवन का निर्माण किया. शिर्डी के साईबाबा देवस्था ने जिले के लिए एमआरआई मशीन के लिए 13 करोड रुपए का फंड उपलब्ध कराया है. सभी सुविधाओं से सुसज्जित यह भवन जल्द ही चालू होगा, ऐसा विश्वास उन्होंने व्यक्त किया. इस समय जिलाधिकारी ने कहा कि, तबलिगी लोगों के नमूने 1 अप्रैल को परीक्षण के लिए भेजे थे, हालांकि उनके रिपोर्ट 8 अप्रैल को प्राप्त हुई.

यह रिपोर्ट एक-दो दिन में मिल जाती तो इतने संक्रमण नहीं होते. आठ दिनों की देरी के कारण जिले में कोरोनाबाधितों की संख्या में वृद्धि हुई है. यहां प्रयोगशाला कार्यान्वित करने के लिए खनिज विकास निधि से 3.50 करोड रुपए उपलब्ध कराकर दिए. प्रयोगशाला के बारे में जानकारी देते हुए डा. गुजर ने कहा कि, प्रयोगशाल माइक्रोबायोलाजी विभाग के तहत चालू रहेगी. विविध परीक्षण करने के लिए 13 मशीनों का एक पूरा सेट है. 24 घंटे में करिबन 125 से 150 टेस्ट किए जा सकते हैं, यहां काम करने वाले डाक्टर और कर्मचारियों ने नैदानिक परीक्षण पर नागपुर एम्स में प्रशिक्षण लिया है. कार्यक्रम का प्रास्ताविक महाविद्यालय के अधिष्टाता डा. आर.पी.सिंह ने तो आभार डा. गुजर ने माना. इस समय अपर जिलाधिकारी सुनील महद्रिंीकर, डा. हिवरकर, डा. बाबा येलके, डा. गवार्ले, डा. धकाते, डा. विजय डोंबाले आदि उपस्थित थे.