दाभडी में मोदी की चाय पे चर्चा रही वायफाय चर्चा

  • तहसील में सर्वाधिक आत्महत्या दाभडी में

Loading

आर्णी. भारत यह कृषिप्रधान देश है. किसानों को यहा पालनकर्ता कहते है. यही पालनकर्ता आज आत्महत्या का निर्णय ले रहा है, इसे जिम्मेदार कौन ऐसा सवाल सभी पुछ रहे है. चुनाव के दौरान किसानों से बडे-बडे वादे कर नेताओं ने उनमें उम्मीद जगाई. चुनाव समाप्त होने के बाद किसानों को निराश किया जाता है. किसान आत्म्हत्याओं के लिए देश में महाराष्ट्र पहले स्थान पर है. सर्वाधिक आत्महत्याए महाराष्ट्र में विदर्भ की दर्ज की गई. आर्णी तहसील के दाभडी यह गाव पुरातन ओंकारेश्वर मंदिर की वजह से प्रख्यात था. चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी ने यहा किसानों से चाय पे चर्चा की.  जिसके बाद इस गाव काफी चर्चा में आया. इस गाव की जनसंख्या 2299 है. आर्णी तहसील में कुल 328 किसानों ने आत्महत्याए की है. इसमें दाभडी के 11 किसान दाभडी के है. केंद्र की मोदी सरकार किसान विरोधी कानुन लाकर किसानों की समस्याओं में वृध्दी कर रही है. पुर्व मंत्री अहिर ने गोद लिया गाव आज अनाथ हुआ है.  केंद्र में भाजप की सत्ता है, लेकिन अहिर इसी चुनाव में हुई हार नही भुले है. दाभाडी ग्रामवासीयों ने किससे उम्मीद रखना ऐसा सवाल निर्माण हुआ है. राज्य की महाविकास आघाडी सरकार में कौन इस गाव को गोद लेने की साहस करेगा? इस ओर नजरे लगी है. 

नही हुए आश्वासन पुर्ण

मोदी की सभा के बाद पुर्व मंत्री हंसराज अहिर ने इस गाव को गोद लिया था. किसान परिसार के एक सदस्य को नोकरी देने का आश्वासन दिया था लेकिन नौकरी नही मिली . 

-विनोद डिके , दाभडी

न्याय मिलेगा यह भ्रम

नरेंद्र मोदी की सभा के बाद किसानों के साथ न्याय होगा ऐसी उम्मीद थी. लेकिन यह हमाला भ्रम था, गाव के किसानों की आत्म्हत्याए यह चिंता का विषय है. 

-दिलीप मंडपे, दाभडी