प्रतिबंधित क्षेत्र में जिलाधिकारी ‘ऑनफल्डि’, दो दिनों में महागाव, नागापुर, दिग्रस में दी भेट

  • ग्रामस्तरीय व तहसीलस्तरीय समितियों दैनंदिन की समीक्षा

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यवतमाल. कोरोना वायरस संक्रमण शहर से ग्रामीण क्षेत्र की ओर मुड जाने से जिला प्रशासन ने इन क्षेत्रों में कई उपाययोजनाएं की है. इन उपाययोजना की सरकारी यंत्रणा की ओर से प्रत्यक्ष में अमंल होता है या नहीं? तथा यहां के नागरिकों को प्रतिबंधात्मक उपाययोजना के बारे में क्या-क्या सावधानियां बरतनी है इसके लिए जिलाधिकारी एम. डी. सिंह खुद होकर सामने आए है. जिसके तहत जिलाधिकारी ने प्रतिबंधित क्षेत्र में %ऑनफल्डि% होकर विगत दो दिनों में महागाव, नागापूर, दग्रिस आदि स्थानों पर भेट दी. दग्रिस तहसील के इसापुर, रुईतलाव, मरसूल इन तीन गांवों से कोरोनाबाधित मरीज पाए जाने से प्रशासन ने यह क्षेत्र प्रतिबंधित घोषित कर दिया है. इन प्रतिबंधित क्षेत्रों का निरीक्षण कर जिलाधिकारी एम. डी. सिंह ने गांववालों से वार्तालाप की.

इस समय जि.प. मुख्य कार्यकारी अधिकारी जलज शर्मा, अतिरक्ति जिलाधिकारी सुनील महद्रिंीकर, जिला शल्य चिकत्सिक डा. तरंगतुषार वारे, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. बालासाहब चव्हाण, उपविभागीय अधिकारी डा. व्यंकट राठोड आदि उपस्थित थे. प्रतिबंधित क्षेत्र के नागरिकों का थर्मल स्कैनर एवं पल्स ऑक्सीमीटर इस उपकरण की सहायता से स्वास्थ्य की जांच की जाती है या नहीं? इसकी जिलाधिकारी ने खुद तसल्ली की. इन प्रतिबंधित क्षेत्रों की विशेष देखभाल कर सफाई रखने, इसमें कोई लापरवाही ना बरते, ऐसे नर्दिेश संबंधितों को दिए. गांववालों से वार्तालाप करते समय उन्होंने कहा कि, नागरिक बेवजह से घर से बाहर न निकले, बाहर निकलने पर नियमित मास्क का इस्तमाल करें, इस वायरस के संक्रमण से बचने के लिए बार-बार हाथ धोते रहे और सोशल डस्टिन्सिंग का पालन करना आवश्यक है.

गांव में किसी व्यक्ति को सर्दी, बुखार, खांसी या सांस लेने में तकलीफ हों तो तुरंत नजदिकी फिवर क्लिनिक में जाकर स्वास्थ्य की जांच करा ले, इसके लिए नागरिक लापरवाही न बरते. स्वास्थ्य की जांच करने के लिए दल द्वारा थर्मल स्कैनर एवं पल्स ऑक्सीमीटर द्वारा नागरिकों की जांच कर उसकी रिपोर्ट बनाए. तथा अगले चौदा दिन प्रत्येक नागरिकों के स्वास्थ्य पर बारकाई से ध्यान रखकर उनसे पूछताछ करें, ऐसी सूचना जिलाधिकारी ने की. साथ ही गांववालों की दैनंदिन समस्या, खरीफ मौसम की तैयारियां, बुआई का नियोजन, फसल कर्ज आदि के बारे में जानकारी जान ली. तथा तहसीलस्तरीय कोरोना सनियंत्रण समिति की बैठक लेकर अगले समय में कोरोना के प्रकोप से बचने के लिए की जानेवाली उपाययोजना और सावधानियां आदि के बारे में मार्गदर्शन किया. गांव-गांव में मनरेगा अंतर्गत कार्य कर अधिक से अधिक मजदूरों को काम उपलब्ध कराए जाए.

सार्वनजिक वितरण प्रणाली अंतर्गत नागरिकों को नर्ि‍शुल्क अनाज का वितरण जल्द शुरू करने के नर्दिेश उन्होंने दिए. इस समय उपविभागीय पुलिस अधिकारी अनुराग जैन, उदय चंदेल, दग्रिस के तहसीलदार राजेश वजीरे, गुटविकास अधिकारी रमेश खारोडे, शिवाजी गवई आदि उपस्थित थे. विगत दो माह से जिलाधिकारी एम. डी. सिंह प्रतिदिन जिलाधिकारी कार्यालय के विडीओ कान्फरन्स प्रणाली से गावस्तरीय व तहसीलस्तरीय समिति प्रतिदिन काम की समीक्षा कर रहें है. इसमें कोरोना संदर्भ में प्रतिबंधात्मक उपाययोजना, मनरेगा, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, नियमित स्वास्थ जांच मुहिम, फिवर क्लिनिक, ग्रामस्तरीय समितियों के कामकाज, बिज-खाद की उपलब्धता, फसल कर्ज वितरण आदि विषयों का समावेश रहता है. उल्लेखनिय है कि जिलाधिकारी द्वारा प्रतिदिन समीक्षा करने से ग्रामस्तरीय यंत्रणा अलर्ट मोड पर है. यवतमाल जिला कोरोनामुक्त कराने के लिए पालकमंत्री संजय राठोड, जिलाधिकारी एम. डी. सिंह के मार्गदर्शन में प्रशासन की ओर से सतर्कता से कार्य में जुटे हुए है.