जिलाधिकारी ने की किसानों की आत्महत्या के मामलों की समीक्षा

Loading

यवतमाल. जिले में किसान आत्महत्या के मामलों के निपटारे के संबंध में, जिलाधिकारी एम. देवेंद्र सिंह ने जिलास्तरीय समिति की समीक्षा की और मामलों का निपटारा किया. 

इस समय मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. श्रीकृष्ण पांचाल, अतिरिक्त जिलाधिकारी सुनील महिंद्रीकर, प्रभारी निवासी उपजिलाधिकारी संगीता राठोड, जिला शल्य चिकित्सक डा. तरंगतुषार वारे, उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी (पंचायत) अरविंद गुडधे, जिला उपनिबंधक रमेश कटके आदि उपस्थित थे.

जिला स्तरीय समिति की बैठक में कुल 15 मामलों की समीक्षा की गई. इसमें जिलाधिकारी ने पात्र मामलों के परिवारों को खेत में नरेगा के तहत कुएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिए. एक सप्ताह के भीतर संबंधित नायब तहसीलदार, पटवारी, पुलिस पाटिल और ग्रामसेवक को परिवारों से सभी दस्तावेज तैयार करने चाहिए. इसमें कोई हेरफेर नहीं होना चाहिए. साथ ही, कुछ परिवारों को खेत में कृषि पंपों, गायों और पर्याप्त व्यवसाय के लिए गाय-भैंसों का वितरण, खेतों के वितरण आदि का लाभ दिया जाना चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि संजय गांधी निर्धन योजना के तहत भी परिवार को लाभ प्रदान करने की योजना बनाई जानी चाहिए.

इस समय जिलाधिकारी ने आत्महत्याग्रस्त परिवार के सदस्यों से पूछताछ की. खेतीक्षेत्र कितना है, खेत में क्या बोया गया, कितना उत्पादन होगा, किस बैंक का ऋण है आदि जानकारी ली. बैठक में संबंधित गांव के पटवारी, पुलिस पाटिल, संबंधित गांवों के उप तहसीलदार बैठक में उपस्थित थे.