डा. गणेश चव्हाण का अमृतविचारमंथन’  ग्रंथ  विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में

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यवतमाल. संत गाडगे महाराज महाविद्यालय हिंगणा, नागपुर के मराठी विभाग प्रमुख डा. गणेश चव्हाण का ‘अमृतविचारमंथन’  ग्रंथ का समावेश राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के एम.ए. राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज विचारधारा के ये पाठ्यक्रम में लिया गया है. 

डा. गणेश चव्हाण मूलत: घाटंजी तहसील के गोविंदपुर एक छोटे तांडे के निवासी है. ‘भरकाडी’ का कथा संग्रह बहुत लोकप्रिय है. कहानियों के इस संग्रह का हिंदी और अंग्रेजी में अनुवाद किया गया है. तथा महाराष्ट्र राजय के पूर्व मुख्यमंत्री व हरित क्रांति के प्रणेता महानायक वसंतराव नाईक के जिवन और कार्यों पर प्रकाश डालनेवाला ‘तो एक समुद्र पक्षी’ इस दो अंकी नाटिका प्रकाशित हुई है, ‘पूर्व विदर्भ में संत परंपरा’  व ‘कथावेध’ इन दो ग्रंथों का संपादन भी किया है.

जल्द ही उनका ‘डोंगर दु:ख एवं तांडा’ इस समीक्षणात्मक ग्रंथ प्रकाशित होगी. उन्हें राज्य स्तरीय बंजारा भूषण पुरस्कार, साहित्य शिरोमणि राष्ट्रीय पुरस्कार, राज्यस्तरीय रसिकराज उत्कृष्ट ग्रंथ पुरस्कार, मधु माया हजारे स्मृति उत्कृष्ट  वाड्;मय पुरस्कार, डा. शकुंतला खोत नाट्य पुरस्कार, हरिहरनाथ पुरस्कार अंभोरा, श्री समर्थ सेवा सन्मान सज्जनगड, सातारा, महात्मा फुले समाज गौरव पुरस्कार समेत कई पुरस्कार हासिल किए है.