sanjay rathod yavatmal

  • 21 को जिला बैंक का चुनाव, पालकमंत्री का अल्टीमेटम

Loading

यवतमाल. जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के संचालक मंडल का चुनाव महाविकास आघाड़ी को एक साथ लड़ने को लेकर जिले में बड़े पैमाने पर राजनीतिक खींचतान शुरू हो गई है. ज्ञात हो कि कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के बेटे का टिकट रद्द होने के बाद पालकमंत्री संजय राठौड़ ने चुनाव को लेकर अल्टीमेटम दिया. अब जिला मध्यवर्ती बैंक के चुनाव की हलचल तेज हो गई है. महाविकास आघाड़ी में सत्तारूढ़ दल एक-दूसरे की उम्मीदवारी को लेकर खींचतान कर रहे हैं. जिला बैंक के 19 संचालक पदों के लिए 21 दिसंबर मतदान होने जा रहा है. तहसील समूह, जिला समूह, आरक्षित सीटों को विभाजित किया गया है.

महाविकास आघाड़ी बनाम शेतकरी सहकारी विकास आघाड़ी में चुनाव में सीधा मुकाबला है. शेतकरी सहकारी विकास आघाड़ी विधायक मदन येरावार ने पंद्रह दिन पूर्व किसान के हित के लिए जिला बैंक का चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. महाविकास आघाड़ी में दिग्गज एवं अनुभवी संचालकों की संख्या अधिक है.

अपनी कुर्सी न छोड़ने की शर्त पर इसमें शामिल होने की चर्चा जिले में हो रही है. अध्यक्ष पद के उम्मीदवार तथा प्रमुख दावेदार जिसमें दिग्गजों की संख्या ज्यादा है. कौन किसका पत्ता काटेगा, यह चर्चा का विषय बना हुआ है. पालकमंत्री संजय राठौड़ और कांग्रेस, राकां मिलकर बनाई महाविकास आघाड़ी से जिला बैंक का चुनाव लड़ने का आदेश जारी किया गया.

2 सीटों पर निर्विरोध जीते 

संचालक मंडल के दो पदों में तहसील समूह से पुसद, उमरखेड़ के दोनों उम्मीदवार निर्विरोध चुनाव जीत चुके है. 

रालेगांव समूह से बाहर मानकर

जिला बैंक के रालेगांव तहसील समूह से एड. प्रफुल्ल मानकर चुनाव लड़ने के लिए योग्य हैं. शुक्रवार को नागपुर उच्च न्यायालय ने इससे संबंधित फैसला सुनाया. एड. प्रफुल्ल मानकर यह रालेगांव और केलापुर इन दो सोसाइटी के प्रतिनिधि थे. उन्होंने सावनेर तहसील रालेगांव इस सोसाइटी के पद का इस्तीफा दिया. सदाशिव महाजन ने मानकर के चुनाव के लिए पात्र नहीं है, इस पर उपनिबंधक के समक्ष याचिका दायर की थी. उनकी याचिका मंजूर हुई, लेकिन सहनिबंधक के निर्णय के खिलाफ महाजन उच्च न्यायालय में गए.

दिग्गजों की टिकट काटने से नाराजगी

शेतकरी पैनल और महाविकास आघाड़ी इन दोनों की नजर जिला मध्यवर्ती बैंक के चुनाव पर टिकीं हुई है. बैंक में कई वर्षों से सक्रिय नेताओं के पुत्र तथा परिजनों के टिकट कटने की चर्चा चुनाव में रोचक बनती जा रही है. चुनाव मतदात और परिणामों पर सबकी नजरें लगी हुई है.