Irrigation by bringing water from bucket, the couple's struggle to save paddy crop
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  • 2,500 किसानों के प्रस्ताव लंबित

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यवतमाल. जिले में ठिंबक सिंचाई योजना के तहत अनुदान के लिए सात हजार से अधिक किसानों से प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. इनमें से 4,800 प्रस्ताव मंजूर कर उन्हें 7 करोड़ रुपयों का अनुदान भी दिया गया, पर 2,500 किसानों के प्रस्ताव अब भी कृषि विभाग के पास लंबित है. प्रस्ताव मंजूर करने के लिए जिले को 4 करोड़ रुपए के अनुदान की आवश्यकता है. जिले में सिंचाई क्षेत्र बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार ने अनुदान पर ठिंबक सिंचाई की योजना शुरू की पर अनुदान ही नहीं आने से प्रस्ताव प्रलंबित है.

80 प्रश करने की मांग
जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी कार्यालय की ओर से अनुदान पर ठिंबक सिंचाई योजना चलाई जाती है. जिसमें पांच एकड़ तक के किसानों को 55 फीसदी तथा 5 एकड़ से अधिक खेती वालों को 45 फीसदी अनुदान योजना में दिया जाता है. यह अनुदान अब 75 एवं 80 फीसदी करने की मांग की जा रही है. बारिश की कमी के चलते फसलों को बचाने के लिए सैकडों किसान ठिंबक सिंचाई योजना अपने खेत में लेने के लिए तैयार है. जिसके मद्देनजर उन्होंने अपने तहसील कृषि अधिकारी कार्यालय में इसका प्रस्ताव भी पेश किया है. 

कार्यालय में हैं पड़े
कुछ कार्यालयों ने यह प्रस्ताव जिला कृषि अधीक्षक कार्यालय के पास भेजे हैं, पर कुछ तहसील कृषि अधिकारी कार्यालय में यह प्रस्ताव अब तक वैसे ही पड़े हैं. यह प्रस्ताव मंजूर करने के लिए जिले को चार करोड़ रुपए के अनुदान की आवश्यकता है. 

कृषि विभाग के पास अटके
इसके प्रस्ताव कृषि अधीक्षक कार्यालय से सरकार के पास भेजे हैं पर अब तक इन्हें मंजूरी नहीं दी गई है. किसान इस योजना की मंजूरी तथा अनुदान के लिए कृषि अधिकारी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं. 2019-20 तथा उसके पूर्व के कई किसानों के प्रस्ताव लंबित हैं. 2020-21 के लिए अब तक प्रस्ताव नहीं मंगवाए हैं. जिले के 2,500 किसानों को इस अनुदान की प्रतीक्षा है. जिले में 7 हजार से अधिक प्रस्ताव प्राप्त हुए थे. इनमें 4800 प्रस्ताव मंजूर किए गए. उन्हें 7 करोड़ का अनुदान भी दिया गया. पर 14 तहसीलों के किसानों के प्रस्ताव लंबित हैं.