वणी. कोरोना संक्रमण काल में दवाइयों की बिक्री 25 फीसदी तक बढ़ गई है. जहां पहले 20 लाख तक की बिक्री होती थी. अब वही 30 लाख रुपयों की औषधि की बिक्री शहर में हो रही है. कोरोना से आम जनता अतिभयभीत है, फिर भी नियमों का पालन करने में ढिलाई देखी जा रही है. इस समय किसी को मौसमी बुखार भी आने पर उसके मन मस्तिष्क में कोरोना का भय समा जाता है. वणी में औषधि की बिक्री में 25 फीसदी की वृध्दि हुई है. बताया जाता है कि फिलहाल कोरोना के साथ सर्दी, खांसी, बुखार, टायफइड भी शुरू है. सर्दी, खांसी , बुखार और कोरोना के लक्षणों में काफी समानता है.
एलोपैथी के साथ ही आयुर्वेद की भी मांग
इस कारण अनेक लोग डर के चलते ही अपने प्राण गंवा रहे हैं. कुछ बीमारियों की औषधि सामान्य ही है. बाजार में हमेशा ही उपलब्ध रहती है. इसके साथ ही अन्य औषिधियों की खरीदी बढ़ गई है. सूत्रों की माने तो हर दिन बाजार में 75 लाख की औषधि की खरीदी बिक्री का व्यवहार हो रहा है. एलोपैथी के साथ ही आयुर्वेद औषधियों की मांग भी बढ़ी है. कोरोना के साथ ही अन्य बीमारियों के उपचार के लिए औषधि भी दी जा रही है. एक औषधि विक्रता से बात करने पर उन्होंने बताया कि मांग बढ़ने के कारण आपूर्ति में विसंगति निर्माण हो गई है. कोरोना से पहले 20 लाख तक प्रतिदिन औषधि की बिक्री होती थी.