दशहरे के पूर्व संध्या से यवतमाल में दुर्गा विसर्जन

  • पुलिस का कडा बंदोबस्त

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यवतमाल. देश में दूसरे नंबर का दुर्गात्सव यवतमाल में मनाया जाता है. इस वर्ष कोरोना महामारी का असर सभी धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रमों पर पडा है. कोरोना महामारी के चलते नियमों के तहत दुर्गा उत्सव मनाया गया. शनिवार दशहरे की पूर्व संध्या पर यवतमाल शहर में दुर्गा विसर्जन जारी होगा. सभी मंडलों ने शुक्रवार को सप्तमी के दिन होम हवन किया. आज शनिवार अष्टमी के दिन होम हवन निपटाने के पश्चात दुर्गा विसर्जन की हलचले तेज हो जाएगी. जिसके लिए सभी मंडलों को विसर्जन का दिन तय करके दिया है. इसके लिए शहर पुलिस थाने के थानेदार धनंजय सायरे, अवधुतवाडी पुलिस थाने के थानेदार वागतकर और लोहारा पुलिस थाने के पीआय ललू पाटिल, ग्रामीण पुलिस थाने के पीआय शिरभाते यह शहर के आसपास क्षेत्र में सुरक्षा के लिहाज से पुलिस का तगडा बंदोबस्त किया गया है. लगभग 700 होमगार्ड इस दुर्गा विसर्जन दौरान पूरे जिले में तैनात रहेंगे. यह शहर की सम्मान की देवी बालाजी दुर्गात्सव मंडल और संतोषी माता मंडल की मानी जाती है. सोशल डिस्टन्सिंग का पालन करते हुए विसर्जन किया जाएगा. बिना बाजे-गाजे, बिना गुलाल उधडे रैली निकलेगी. 

नहीं होगा रावन दहन, यवतमाल में दशहर के दिन रावन दहन का कार्यक्रम बडे उत्साह के साथ मनाया जाता है, लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते अधिक भीड से बचने के लिए प्रशासन ने रावन दहन की अनुमति ना देने से यह कार्यक्रम इसवर्ष रद्द कर दिया गया है. ऐसी प्रशासन की जानकारी है. यवतमाल में इस वर्ष रावन दहन नहीं होगा. प्रतिवर्ष यवतमाल के आर्णी रोड पर स्थित शिवाजी मैदान पर रावन का दहन किया जाता है, इस कार्यक्रम के लिए शहर और आसपास इलाकों से काफी मात्रा में नागरिक अपने बच्चों के साथ आते है. वहां पर विविध सामग्रियों की बिक्री होती है, इसलिए वहां यात्रा का स्वरूप प्राप्त होता है. लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी की वजह से यह सब नहीं दिखाई देगा. 

दशहरा हो गया महंगा, फूल का बाजार सोने से सजा, दशहरे के अवसर पर बाजार विविध गंदे के फूल बिक्री को आए है. जिसमें कापरी, पिला, नामधारी, लाल इस प्रकार के आकर्षक गंदे के फूल बडी मात्रा में बिक्री के लिए आए है. सौ से दो सौ रुपयों तक इन फूलों की बिक्री हो रही है. देवी की पूजा के लिए इस्तमाल किए जानेवाले शेवंती तीन सौ रुपयों के आसपास है, इसके अलावा अष्टर, मोगरा, जाई-जुई, चाफा, गुलछडी, गुलाब, सोनचाफा आदि फूलों का अच्छी डिमांड है. इसके अलावा गेंदे के फूलों का एक मीटर का हार पचास से साठ रुपयों तक बिक रहा है. तोरण तीस से पचास रुपए, पूजा के लिए लगनेवाले बेलपान, तुलस, दुर्वा आदि पांच से दस रुपए बिक रहें है. दशहर के दिन सोने के पन्नों को विशेष महत्व है और इस पान को विशिष्ट रंग देकर पैक करके 24 कैरेट का सोना कहके इस पान को दस रुपए तक बेचा जाता है. सोने के पन्ने की टहनियां भी बाजार में दस-दस रुपए में फेरीवाले बेच रहें है. दशहरे के मौके पर आज शनिवार को मार्केट में अच्छी रौनक दिखी, दशहरे पर नये कपडे खरीदने के लिए नागरिक पहुंचे. कोरोना महामारी के चलते ग्राहक मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टन्सिंग का पालन करते हुए बाजार में सामान की खरीदी की.

दशहर के महूर्त पर महंगे वाहनों की खरीददारी, कई लोग दशहर के शुभ मुर्हूत पर विविध वाहनों की खरीददारी करते है. यवतमाल शहर के आर्णी रोड समिप फोर विलर का शोरुम, एमआईडीसी में कर्मशिअल वैकल्स का शोरुम, दारव्हा रोड पर तीन से चार फोर विलर, ट्रैक्टर तथा चार से पांच टू विलर वाहनों के शो रुम है. लगभग इन मार्गों पर दस से अधिक शोरुम है. लेकिन इन मार्गों पर शोरुम पर कुछ भी रौनक नहीं दिख रही है, हर साल यह मार्ग विविध रोशनाई से झगमगता है. नागपुर रोड, धामणगांव मार्ग पर भी वाहनों के शोरुम है. दुकानदारों ने विविध आफर देकर ग्राहकों को आकर्षित करने का प्रयास किया, विविध बैंकिंग लोन की सुविधा प्रदान की. लेकिन महंगाई एवं मंदी के वजह से वाहनों के बाजारों पर गिरावट दिखाई दे रही है.