प्रयास: राज्य सरकार कृषि विभाग व ‘क्रापलाईफ इंडिया’ का उपक्रम, चिकित्सा से जुड़े 1000 ने लिया हिस्सा

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    यवतमाल. फसल विज्ञान में शोध करने वाली 15 कंपनियों के संगठन क्रॉप लाइफ इंडिया कंपनी व महाराष्ट्र सरकार के कृषि विभाग ने संयुक्त रूप से डाक्टरों के लिए स्थायी चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया. इस पहल का उद्देश्य कृषि रसायनों से प्रभावित आकस्मिक रोगियों की पहचान करने, उनके उपचार के सिद्धांतों के बारे में जानकारी प्रदान करना था.

    सुनिश्चित करना था कि चिकित्सा पेशेवरों के पास ऐसे रोगियों के इलाज के लिए पर्याप्त सुविधाएं हो. वर्चुअल कान्फ्रेंस में महाराष्ट्र के यवतमाल, उस्मानाबाद और जलगांव जिलों के सरकारी और निजी अस्पतालों के लगभग 1000 चिकित्सा पेशे से जुड़े लोगों ने हिस्सा लिया.

    यवतमाल के जिलाधिकारी अमोल येडगे, उस्मानाबाद के जिलाधिकारी कौस्तुभ दिवेगावकर, जलगांव के जिलाधिकारी अभिजीत राउत और अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया था. सम्मेलन का आयोजन एक प्रशिक्षण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में किया गया था. डाक्टरों को कृषि रसायनों के अनुचित और असुरक्षित उपयोग के कारण होने वाली दुर्घटनाओं से निपटने के तरीके पर मार्गदर्शन किया जा सके.

    चिकित्सा विष विज्ञान, मानव स्वास्थ्य जोखिम मूल्यांकन और खाद्य सुरक्षा पर एक अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के पूर्व प्रबंध निदेशक, कीटनाशक अवशेषों पर एफएसएसएआई के वैज्ञानिक पैनल के पेस्टिसाईड रेसेड्यू के पूर्व चेयरमैन व एफसीजीपी के कार्यकारी निदेशक डा. देवव्रत कनुंगो ने मार्गदर्शन किया. 

    कृषि रसायनों के दुरुपयोग को रोकने का प्रयास

    उन्होंने कहा कि ‘क्रॉपलाइफ इंडिया’ पिछले कई वर्षों से अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से किसानों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा है. क्रॉपलाइफ इंडिया की ओर से कृषि रसायनों के दुरुपयोग के कारण होने वाली दुर्घटनाओं के प्रबंधन और नई तकनीक की मदद से उनका इलाज करने में डॉक्टरों का मार्गदर्शन करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. वर्चुअल कान्फ्रेंस किसानों की मदद करने और एग्रोकेमिकल्स के कारण होने वाली दुर्घटनाओं से निपटने में डॉक्टरों का मार्गदर्शन करने की एक पहल का विस्तार है.’

    राज्य सरकार के कृषि विभाग में गुणवत्ता नियंत्रण विभाग के प्रमुख सुनील बोरकर ने कहा, ‘सरकार और औद्योगिक क्षेत्र के बीच इस साझेदारी ने साबित कर दिया है कि किसानों को कृषि रसायनों का उचित और समान रूप से उपयोग करने के लिए ज्ञान प्रदान करने की आवश्यकता है. डॉक्टरों के बीच जागरूकता निश्चित रूप से कीटनाशकों के कारण होने वाली आकस्मिक समस्याओं के प्रबंधन में मदद करेगी.

    ‘क्रॉपलाइफ इंडिया’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अस्तित्व सेन ने कहा, ‘क्रापलाइफ इंडिया पिछले कई वर्षों से अपनी प्रशिक्षण पहलों के माध्यम से फसल सुरक्षा उत्पादों के उचित और जिम्मेदार उपयोग को बढ़ावा दे रहा है. फसल सुरक्षा के लिए उपयोग किए जाने वाले उत्पादों का जिम्मेदारी से उपयोग किसान सुरक्षा के साथ-साथ टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने में उपयोगी माना जाता है. क्रॉपलाइफ इंडिया ने हेल्थ प्रोफेशनल्स हैंडबुक का एक डिजिटल संस्करण विकसित किया है. चिकित्सा पेशेवरों को क्रॉपलाइफ इंडिया की वेबसाइट पर जाकर इसका लाभ उठाना चाहिए.