पैनगंगा नदी में किसान ने की खुदकुशी, खेती के विवाद में हुई घटना

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उमरखेड. खेती के विवाद से त्रस्त होकर तहसील के कारखेड के त्रस्त किसान ने नदी पात्र में छल्लांग लगाकर खुदकुशी करने की घटना से खलबली मच गई है. मृत किसान के बेटे मेरे पिता को आत्महत्या के लिए मजबूर करने की शिकायत पुलिस थाने में दर्ज की है. पुलिस ने चार के खिलाफ मामला दर्ज कर एक को गिरफ्तार कर लिया है.

सूत्रों के अनुसार मृतक सुभाष तुकाराम कदम (60) किसान का नाम है. उसकी तहसील कारखेड में खेती है. उसके खेत से सोयाबीन निकाला होकर, मारोतराव रामराव कदम, सोनू मारोतराव कदम, परमानंद नारायण कदम व भुजंग नारायण कदम सभी निवासी कारखेड ने चार ने मिलकर दो दिनों पूर्व मृतक किसान के साथ विवाद कर मारपीट करने की शिकायत पुलिस थाने में दाखिल हुई है.

10 नवंबर की 12 बजे किसान सुभाष कदम यह घर से अचानक गायब हो गए. उस संबंध में पुलिस थाने में एक गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी. उनके परिवार के सदस्यों ने उन्हें हर जगह खोजबीन करने पर देवसरी क्षेत्र के पैनगंगा नदी के पात्र में उनका शव मिला.

मामले में मृतक किसान के बेटे सुभाष कदम की शिकायत पर पुलिस आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज किया है. इस मामले में चार में से परमानंद नारायण कदम को गिरफ्तार कर लिया गया है. घटना की आगे की जांच उपविभागीय पुलिस अधिकारी मुंडे व थानेदार संजय चौबे के मार्गदर्शन में पीएसआई सतीश खेडेकर कर रहें है.

किसान की हत्या या आत्महत्या?

मामले में, किसान ने अपनी मौत से पहले पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि गैर आवेदक ने उसे पीटा था और जान से मारने की धमकी देने की शिकायत दर्ज की थी. शिकायत के अनुसार दो दिन बाद उसका शव नदी में मिला. इससे यह सवाल उठा है कि यह हत्या है या आत्महत्या?

पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान

किसान सुभाष कदम अच्छे तैराक है, वह नदी में कैसे डूब सकते हैं? कारखेड क्षेत्र और गांव में ऐसी चर्चा चल रही है. अगर पुलिस ने मृतक की शिकायत दर्ज करने के बाद तत्काल कार्रवाई की होती, तो किसान बच सकता था. यह पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खडा कर रहा है.