किसान बनाया उच्च तकनीक वाला छिडकाव यंत्र

  • मिनी ट्रैक्टर से छिडकाव से श्रम और धन की बचत होगी
  • विषबाधा से भी बचा जा सकेगा,

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पुसद. किसान मूल रूप से विभिन्न प्रयोगों के माध्यम से स्थिति पर काबू पा रहा है. पुसद के पास वालतुर रेलवे के एक प्रायोगिक किसान ने अपनी कल्पकता से मिनी ट्रैक्टर को विविध उपकरण जोडकर उच्च तकनीकवाला छिडकाव यंत्र का अविष्कार किया है, जो बहुत कम समय में एक बड़े क्षेत्र पर स्प्रे करने, विषबाधा से बचने और समय, श्रम और धन की बचत करते हैं.

 पुसद के पास वालतुर रेलवे के एक प्रायोगिक किसान गजानन भागीरथ जामगडे पाटिल ने छिड़काव के लिए आवश्यक श्रम की कमी और बड़े क्षेत्र की फसलों पर छिड़काव के लिए आवश्यक समय के साथ-साथ छिड़काव से उत्पन्न विषाक्तता को दूर करने के लिए अपने स्वयं के ट्रैक्टर का उपयोग किया. एक लीटर टैंक, एक कंप्रेसर, जेसीपी के तेल परिवहन पाइप, दो पुली, दो बेल्ट, एक चालीस फुट लोहे के एंगल, आठ नोझल और एक वाटर प्रेशर गन की मदद से एक मिनी ट्रैक्टर चालित उच्च तकनीक वाले स्प्रेयर का विकास किया है. छिड़काव ठीक से किया जा सकता है. जैसा कि यह एक मिनी ट्रैक्टर है, यह वजन में हल्का है और मिट्टी के संघनन का कोई खतरा नहीं है.

पिछले दो सालों में, जिले में 22 किसानों की मौत छिडकाव में विषबाधा से हुई थी और पिछले साल लगभग 250 किसानों को छिडकाव करते विषबाधा हुई थी. सोयाबीन, मूंग, उड़द, अरहर और चने आदि फसलों पर इस यंत्र से छिड़काव भी किसानों के लिए फायदेमंद है क्योंकि यह छिड़काव करते समय बिषबाधा बचा जा सकता है और पैदावार बढ़ाता है. जिससे यह यंत्र किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है.