किसान ने खड़ी फसल ट्रैक्टर से चलाया, 8 एकड़ में केवल 25 क्विंटल कपास का हुआ उत्पादन

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मारेगांव. तहसील के कन्हालगांव के किसान राजेंद्र चिकटे ने अपने आठ एकड़ कपास की फसल ट्रैक्टर, रोटावेटर चलाकर अपना दु:ख जताया. मारेगांव तहसील के कनहलगाँव के एक किसान ने इस साल अपने आठ एकड़ के खेत में परती लगाई थी. जैसे-जैसे पारटी के पेड़ बढ़ने लगे, उम्मीदें धराशायी होने लगीं. लेकिन इस साल अब तक, उन्होंने 8 एकड़ में केवल 25 क्विंटल कपास का उत्पादन किया है, जो कि पिछले साल की तुलना में बहुत कम है.

उन्होंने कहा कि वार्षिक आय के नुकसान के कारण हमें भारी नुकसान उठाना पड़ता है. इस साल, उन्होंने 100 से 500 क्विंटल कपास का उत्पादन करने की उम्मीद की थी. लेकिन बोंड इल्ली ने बहुत नुकसान पहुंचाया. आठ एकड़ की लागत भी नहीं निकली है. अब कपास के पौंधों को चालीस-पैतालीस बोंड बचे है. लेकिन हर जगह बोंडइल्ली प्रकोप था. इसलिए परेशान किसान ने अपने खेत में एक ट्रैक्टर चलाया और कपास की फसल खेत से उखाड़ दी.

बलिराजा एक योजना तैयार करता है कि उसका खेत कितना उत्पादन करेगा और हर साल कितना खर्च आएगा. लेकिन इस साल, विपरीत हुआ. असमानी संकट के साथ कई किसान सुल्तानी संकट का सामना कर रहे हैं. इस साल देर से बारिश हुई. जिससे किसानों को दुबारा और तिसरे बार बुआई करने का सामना करना पडा. कुछ दिनों तक अच्छी बारिश हुई, जिससे किसानों में उम्मीद जागी थी. लेकिन हाथ में आनेवाले नकदी फसल सोयाबीन लगतार वापसी की बारिश ने हाथ से छिन ली.

जिसमें किसानों के हाथ कुछ नहीं लगा, लागत भी नहीं निकल पाई. इससे कई किसानों को नुकसान हुआ. अस्मानी तांडव यहीं नहीं रुका, बल्कि लगातार मूसलाधार बारिश के कारण कपास की फसल पर बचीकुची उम्मीद भी खत्म कर दी. अस्मानी संकट से बोंड सडने लगे, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ. इस बीच, तहसील में कई किसानों ने अपने खेतों से कपास के पौधों को उखाड़ कर फेंक दिया. हालांकि, यह एक त्रासदी है कि अधिकारियों को किसानों की दुर्दशा जानने के लिए बांध तक नहीं पहुंचे.