- वनमंत्री संजय राठोड के हाथों चेक का वितरण
यवतमाल. एक दुपहिया वाहन की सवारी करते समय वाहन के सामने अचानक रोही (नीलगाय) आने से हुई दुर्घटना में पाथ्रट निवासी पति और पत्नी की मौत हो गई थी. उनके साथ का लड़का गंभीर रूप से घायल हो गया. अपने माता-पिता की छत्रछाया खो चुके परिवार के दोनों बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए, वन मंत्री संजय राठोड ने पहल की और दुर्घटना से प्रभावित परिवार के लिए तत्काल मुआवजे का सुझाव दिया. इसके अनुसार, वन विभाग ने 31 लाख 25 हजार रुपये के मुआवजे की घोषणा की. इस राशि का चेक वन मंत्री ने मृतक दंपति के बच्चे यश (12) और प्रणय (15) को सौंपा था.
दारव्हा तहसील के पाथ्रटदेवी निवासी नीलुनाथ नारायण आमझरे (40), पत्नी निर्मला (35) और बेटा यश (12) तीनों 6 अगस्त, 2020 को रालेगांव की ओर जा रहे थे. इस बीच, कलंब-रालेगांव मार्ग पर, एक नर रोही अचानक दुपहिया के सामने आने से यह दुर्घटना घटी. हादसे में तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए. नीलुनाथ और उनकी पत्नी निर्मला की मौके पर ही मौत हो गई. बालक यश को गंभीर हालत में सरकारी मेडिकल कॉलेज, यवतमाल में स्थानांतरित किया गया और वहां से उपचार के लिए नागपुर ले जाया गया.
दुर्घटना के बाद, जोडमोहा के वन अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया और पुष्टि की दुर्घटना जंगली जानवर रोही के प्रभाव के कारण हुई. कलंबक्षेत्र के सहायक एल.के. उपाध्ये ने घटनास्थल पर पंचनामा कर और मेडिकल रिपोर्ट पर से मृतकों समेत गंभीर घायल को वन विभाग के प्रावधान के अनुसार जंगली जानवर रोही के कारण मरने वाले और घायल होने वाले व्यक्ति को मुआवजा देने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया. वन मंत्री संजय राठोड ने यवतमाल के उप वन संरक्षक को इस प्रस्ताव पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुए यश आमझरे को 1 लाख 25 हजार रुपये और नीलुनाथ और उनकी पत्नी निर्मला आमझरे को प्रत्येक की 15 लाख ऐसे कुल 30 लाख रुपये देने का आदेश दिया गया था. तदनुसार, वित्तीय सहायता का वितरण यश और उनके बड़े भाई प्रणय नीलुनाथ आमझरे (15) के नाम पर किया गया था. इसके अलावा, यश के उपचार के लिए 1 लाख 25 हजार रुपये का निधि प्रदान किया गया. चूंकि आमझरे दंपति के दोनों बच्चे अज्ञानी हैं, इसलिए सरकार के प्रावधान के अनुसार, इस सहायता राशि को अज्ञानतावश बच्चों के साथ अतिरिक्त जिाधिकारी (नियमित) के नाम पर जमा किया जाएगा. जिले में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी जंगली जानवर रोही बीच सडक में बिच आने से दुर्घटना के लिए बड़े पैमाने में मुआवजा देने का पहला मामला है.
जिलाधिकारी कार्यालय में चेक सौंपते समय जिलाधिकारी एम. देवेंद्र सिंह, जि.प. मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. श्रीकृष्ण पांचाल, जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. दिलीप भुजबल, यवतमाल के उप वन संरक्षक केशव बाभले आदि उपस्थित थे.