स्कूल शुरू करने के संबंध में सरकार के निर्णय के अनुसार एक कार्यप्रणाली बनाए

  • जिलाधिकारी ने दी गुटशक्षिाधिकारी को सूचना

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यवतमाल. चालू शैक्षणिक वर्ष में स्कूल शुरू करने में देरी होगी. कोरोना के चलते विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की देखभाल, सोशल डिस्टेंसिंग, सफाई, मास्क का उपयोग आदि का कार्यान्वयन बहुत महत्वपूर्ण है. इस संबंध में, सरकार ने 28 अप्रैल और 15 जून को सरकारी निर्णय जारी किया है और कार्य प्रणाली तदनुसार तैयार की जानी चाहिए, इस तरह के निर्देश जिलाधिकारी जिलाधिकारी एम. डी. सिंह द्वारा जिले के सभी गुटशक्षिाधिकारियों को दिए गए है. जिलाधिकारी कार्यालय में स्कूलों को शुरू करने के लिए सभी तहसीलों की समीक्षा के लिए बैठक का आयोजन किया गया था. इस समय वे बोल रहें थे. बैठक में जि.प.मुख्य कार्यकारी अधिकारी जलज शर्मा, शिक्षणधिकारी डी.आर.चवणे आदी उपस्थित थे.

छात्रों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए, जिले के सभी गुट शिक्षणाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों के अनुसार एसओपी तैयार करना चाहिए, उन्होंने कहा कि स्कूलों में स्वच्छता, आहार, शिक्षा और शारीरिक व्यायाम पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए. साथ ही छात्रों के लिए हैंडवाश, साबुन, मास्क का उपयोग, सोडियम हाईड्रोल्कोरीन का छिडकाव आदि को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. छात्रों को अपने हाथों और युनिफार्म को साफसुथरा रखने के लिए जागरुक किया जाना चाहिए. प्रत्येक स्कूल में तीन-तीन माह के लिए पर्याप्त हैंडवाश, साबुन, सैनिटाइजर आदि होने चाहिए. नियमित पाठ्यक्रम के बजाय 30 मिनट योग, शारीरिक व्यायाम आदि करने के लिए प्रोत्साहित करें. यदि बुखार, सदी, खांसी आदि लक्षण रहने पर स्कूल में आने की अनुमति न दें. अभिभावकों ने ऐसे छात्रों को घर पर रखना चाहिए. साथ ही शिक्षकों ने इस बारे में ग्राम स्तरीय समिति को सूचित करना चाहिए और तीन दिनों तक इस पर नजर रखनी चाहिए. एसपीओटू, पल्स ऑक्सीमीटर से संबंधित छात्र की जांच करनी चाहिए.

प्रत्येक स्कूल को छोटे बच्चों के लिए आनेवाली पल्स ऑक्सीमीटर खरीदनी चाहिए. छात्रों को एक दिन के लिए स्कूल में बुलाकर सोशल डिस्टेंसिंग नियमों के पालन करना चाहिए. शिक्षकों ने अपने स्वास्थ्य को अच्छा रखना चाहिए. साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों में छात्रों को भोजन तैयार किए बिना भोजन के पैकेट उपलब्ध कराने की योजना बनाई जानी चाहिए. हालांकि अभी तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं किया गया है कि स्कूल शुरू करना है या नहीं, स्कूल प्रतिबंधित क्षेत्र में जारी नहीं रहेगी. प्रतिबंधित क्षेत्र को छोडकर शहर के अन्य हिस्सों में स्कूल शुरु किए जा सकते हैं. हालांकि, इस बात को गंभीरता से लिया जाना चाहिए कि कोई भी छात्र या शिक्षक प्रतिबंधित क्षेत्र में स्कूल में न आए. सभी गुटशिक्षाधिकारियों को तुरंत स्कूल व्यवस्थापन समिति की बैठक बुलानी चाहिए. जिलाधिकारी ने कहा कि शहर के निजी स्कूलों की बैठक भी शिक्षा अधिकारी को बुला लेनी चाहिए, ऐसी सूचना की. इस अवसर पर सभी तहसीलों के गुटशिक्षाधिकारी उपस्थित थे.