नुकसानग्रस्त किसानों के साथ सरकार-पालकमंत्री राठोड

  • बारिश के कारण अंकुरित सोयाबीन का निरीक्षण

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यवतमाल. लगातार बारिश के कारण बडी संख्या में फसलों को नुकसान पहुंचा है और सोयाबीन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. यह स्थिति पूरे जिले में है. इतना ही नहीं तो अमरावती, वर्धा, बुलढाणा और अन्य जिलों और राज्यों में कृषि उत्पादों को नुकसान पहुंचा है. इसलिए, इस मुद्दे पर बुधवार को कैबिनेट की बैठक में चर्चा की जाएगी और सरकार प्रभावित किसानों के पीछे मजबूती से खडी होगी, ऐसा प्रतिपादन पालकमंत्री संजय राठोड ने किया. वे मडकोना के दिनेश गोठे इस नुकसानग्रस्त किसान के खेत में सोयाबीन का निरीक्षण करते हुए बोल रहे थे.

इस समय जिलाधिकारी एम. देवेंदर सिंह, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. श्रीकृष्ण पांचाल, जिला अधिक्षक कृषी अधिकारी नवनाथ कोलपकर, तहसीलदार कुणाल झाल्टे, कृषी विज्ञान केंद्र के डा. सुरेश नेमाडे, डा. प्रमोद मगर आदी उपस्थित थे. पालकमंत्री ने कहा कि जिले में अगस्त और सितंबर में भारी बारिश के कारण फसलों को नुकसान हुआ है. इसीलिए हम प्रशासन की मदद से क्षतिग्रस्त कृषि उपज का निरीक्षण कर रहे हैं.

भारी बारिश के कारण, सोयाबीन अंकुरित हो गया है और हर जगह एक ही स्थिति देखी जा रही है. पालकमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की मदद के लिए प्रतिबद्ध है और हम अगले बुधवार को कैबिनेट में कृषि उपज के नुकसान पर चर्चा करेंगे. कृषि विज्ञान केंद्र के डा. सुरेश नेमाडे को सोयाबीन अंकुरित होनेवाले विविध स्थानों पर भेट देने के निदर्शन में आए है, 25 जून पूर्व व बाद सोयाबीन की बुआई करनेवाले किसानों की तत्काल जानकारी प्रस्तूत करने के निर्देश दिए.

साथ ही, किसानों को तुरंत मदद करने के लिए प्रशासन को क्षतिग्रस्त फसलों का पंचनामा करने के बाद सरकार को एक रिपोर्ट पेश करें, ऐसे निर्देश पालकमंत्री संजय राठोड ने पहले ही प्रशासन और कृषि विभाग को दिए है. दिनेश गोठे के पास चार एकड का खेत और उन्होंने तीन एकड में सोयाबीन लगाया है. जिले के कृषि अधीक्षक ने बताया कि पूरे जिले में 2 लाख 81 हजार हेक्टेयर पर सोयाबीन लगाया गया है. इस समय  कृषी विकास अधिकारी राजेंद्र धोंगडे, राजेंद्र मालोदे, डा. आशुतोष लाटकर, उपविभागीय कृषी अधिकारी जगन राठोड, कैलास वानखेडे, कृषी सहाय्यक राजश्री भलावी आदि उपस्थित थे.