यवतमाल. जिले के अधिकांश किसान रबी की फसल में मूंगफली की खेती करते हैं. पिछले एक महीने से मूंगफली बाजार में आ रही है. लेकिन सोमवार से प्रशासन ने पाबंदियां हटा ली हैं और कृषि उपज मंडी समिति को रोजाना 1500 से 1,600 बोरे आवक हो रही है. बजार समिति ने बताया कि मंगलवार को 900 बोरी बाजार में पहुंची. इस बीच पिछले साल की तुलना में रेट कम होने पर किसान नाराजगी जता रहे हैं.
इस साल की वापसी बारिश ने खरीफ की फसल को नुकसान पहुंचाया और किसानों को संकट में डाल दिया. इस संकट से उबरकर किसानों ने उधार लेकर रबी की बुवाई की. इसमें ज्वार, चना, गेहूं, मूंगफली आदि की बुवाई की गयी. किसानों को उम्मीद थी कि रबी फसलों का बेहतर उत्पादन होगा. जिले में मूंगफली का उत्पादन पिछले साल की तुलना में बेहतर है.
कृषि उपज मंडी समिति में मूंगफली 4,000 रुपये से 5,000 रुपये तक मिल रही है. साथ ही खरीफ सीजन की शुरुआत के साथ ही किसानों ने मूंगफली बेचना शुरू कर दिया. बाजार में कीमतों में उतार-चढ़ाव हो रहा है. मंगलवार 8 जून को मूंगफली की कीमत 4,000 रुपये से 5,000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच हुई. बजार समिति को 900 बोरी मिले. 3 जून को 1,250 बोरी मूंगफली की आवक सप्ताह की सबसे अधिक थी.
प्रतिबंध हटने के बाद आवक बढी
बाजार समिति लाकडाऊन में भी बजार शूरू था. लॉकडाउन में भी किसान कृषि उपज को बिक्री के लिए लेकर आए. हालांकि, सोमवार से प्रशासन द्वारा प्रतिबंध हटाने से बाजार में कृषि उपज की बिक्री में तेजी आई है. साथ ही मूंगफली की आवक भी बढ़ी है. चने की कीमते पिछले साल की तुलना में कम है.- अजय यंडे, सचिव, कृ. उ. बा. स. यवतमाल