(प्रतीकात्मक तस्वीर)
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    • जिलाधिकारी अमोल येडगे का बाल कल्याण समिति को निर्देश
    • बाल देखभाल योजना के माध्यम से प्रति माह 1100 सहायता

    यवतमाल.  जिन बच्चों के माता-पिता में से एक या दोनों की मौत कोविड के कारण हुई है, उन्हें सरकार की ओर से चाइल्ड केयर स्कीम के तहत 1100 रुपये प्रति माह दिए जाते हैं. जिलाधिकारी अमोल येडगे ने आज कहा कि समिति को उन जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचना चाहिए जिन्हें मदद की जरूरत है या जो बाल कल्याण समिति तक नहीं पहुंच सकते हैं और उनकी मदद करें.

    वे जिलाधिकारी कार्यालय में बाल संरक्षण समिति के एक्शन टीम के कामकाज की समीक्षा करते हुए बोल रहे थे. जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी ज्योति कडू, जिला बाल संरक्षण अधिकारी देवेंद्र राजुरकर, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एड. एस. पी. घोडेस्वार, जिला विधी सेवा प्राधिकरण के सचिव एम. आर. ए. शेख, जिला संक्रामक रोग अधिकारी डॉ. टी. ए. शेख आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे.

    जिलाधिकारी ने आगे कहा कि इस योजना के तहत शत-प्रतिशत पात्र परिवारों का पता लगाकर उनकी तत्काल सहायता की जाए. उन्होंने यह भी कहा कि घर में पूछताछ के दौरान मिलने वाली विधवाओं को भी संजय गांधी निराधार योजना का लाभ दिया जाए और कौशल्य विकास योजना के तहत प्रशिक्षण को प्राथमिकता देने का प्रस्ताव पेश किया जाए ताकि वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकें और आत्मनिर्भर बन सकें. 

    जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी ज्योति कडू ने बताया कि इस योजना के तहत अब तक जिले में 217 बच्चे जिनके माता-पिता कोविड के कारण खो चुके हैं, का पता लगाया जा चुका है. इनमें से 162 बच्चों ने अपने पिता खो दिए हैं, 51 बच्चों ने अपनी मां खो दी है और 4 बच्चों ने अपने माता और पिता दोनों को खो दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि शहरी क्षेत्रों में सर्वेक्षण का काम अभी पूरा नहीं हुआ है.

    जिलाधिकारी येडगे के हाथों महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कोविड संक्रमण के जरूरतमंद बच्चों के लिए जागरूकता एवं चाइल्डकैअर योजना पर एक पोस्टर जारी किया गया. बैठक में जिला बाल पुलिस दस्ते के प्रमुख सहायक पुलिस निरीक्षक एस.एल. आगाशे, वसंतराव नाइक सरकारी मेडिकल कॉलेज के डा. शरद मातकर, नगर परिषद के के. बी. शर्मा एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे.