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वणी. देवउठनी ग्यारस पूजन के बाद शइनाइयो की बारी आ गई है. नवंबर और दिसंबर मे विवाह के कुल 9 मुहूर्त है और शहर मे करीब 400 शादिया रूकी हुई है. नौ मुहूर्त मे इतनी सारी शादिया और प्रशासन की बंदिश के बीच कैसे नियोजन होगा, इसे लेकर हर कोई परेशान नजर आ रहा है. गौरतलब है कि विवाह का मुहूर्त 11 दिसंबर के बाद सीधे 22 अप्रैल को बताया जा रहा है. ऐसे मे पांच माह से रूके विवाह मात्र 9 मुहूर्त के बाद फिर चार महिने से अधिक समय के लिए रूक जाएंगे.

कल 28 नवंबर के बाद इस माह मे दो मुहूर्त है. इसके बाद दिसंबर माह मे करबी सात ही मुहूर्त है. ऐसे मे शादियो के लिए हॉल कम पड जाने की समस्या होगी वही कई हॉल मे हो सकता है कि एक ही दिन मे दो से तीन शादिया निबटाई जाए. देवउठनी ग्यारस के बाद कल से विवाह मुहूर्त शुरू हो रहे है. इसके साथ ही कोरोना के पसरते हुए पैर के चलते फिर 50 लोगो की मर्यादा रख दी गई है. बिना मास्क वाले व्यक्ति को सामान न देने की शर्त का पालन करने के लिए व्यापारी तैयार है.

लेकिन ऐन शादी समारोह के लिए 50 की सीमा होने से मंगल कार्यालय वाले परेशान नजर आ रहे है. गौरतलब है कि मात्र दिसंबर मे ही करीब 8 मुहूर्त है. इसके बाद आगामी चार महीने कई मुहूर्त नही होगा. नवंबर के दो दिन और दिसंबर के आठ दिनो मे ही मंगल कार्यालय वालो को लंबे समय के बाद कुछ हासिल होने जा रहा है. मात्र 9 दिन के मुहूर्त से कैसे होगी कमाई , इस चिंता मे सभी है.

अनुमान नही लगा पा रहे लोग

कही पचास तो कही सौ लोगो की अनुमति के चलते लोग परेशान है. दूल्हा और दुल्हन पक्ष के लोग मिलकर 50 लोग कैसे पूरे करे, इसे लेकर लोगो मे भ्रम और परेशानी दोनो बनी हुई है. दूसरी ओर पचास लोगो को आमंत्रित करने के लिए पत्रिका छपवाई जाए या नही,इस पर भी विचार चल रहा है. अधिकांश लोग तो अपने खास परिजनो को फोन या वाट्सए्प के जरिये सूचना और आमंत्रण देने की तैयारी मे है.

शादियो पर  लग गया था  विराम

गौरतलब है कि अधिक मास होने के चलते करीब पांच माह से शादियो पर विराम लग गया था. इसके बाद ये नो मुहूर्त है और फिर 12 दिसंबर से 22 अप्रैल के बीच शादिया नही हो सकेंगी अनुमान के मुताबिक बडी संख्या मे लोग मुहूर्त की प्रतीक्षा मे है और इन नौ मुहूर्त को साधने का प्रयास कर रहे है. 15 दिसंबर से 14 जनवरी तक मलमास,17 जनवरी से 15 फरवरी तक गुरू और 16 फरवरी से 18 अप्रैल तक शुक्र अस्त रहने के कारण मुहूर्त नही है. 

मर्यादा को लेकर परेशानी 

प्रशासन की गाइडलाइन आने के बाद लोग पचास लोगो की मर्यादा को लेकर परेशान तो है लेकीन शादीया निपटा रहे है.  पचास लोगो की मर्यादा से  केटरर्स ,मंडप , हॉल आदि को  ज्यादा चिंता  सता रही है क्योकी उनका नुकसान हो रहा है. केंद्र सरकार ने अन्य सामुहीक कार्यक्रमो मे दो सौ लोगो की इजाजत दी है लेकीन उसमे शादी ब्याह का समावेश है या नही इस को लेकर असंमजस की स्थिती बनी हुई है.