राज्य सुचना आयुक्त के आदेश किया नजरअंदाज, पालिका की धांदली चौराहे पर

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वणी. शहर के लॉन, मंगल कार्यालय को अनुमति देने के बाद कुछ शर्तो का पालन करना बंधनकारक है. इस संबंधी सुचना अधिकार कार्यकर्ता सुनील चोपने ने नगर पालिका प्रशासन को जानकारी मांगी. यह जानकारी अबतक पालिका द्वारा नही दी गई. जिससे राज्य सुचना आयुक्त की ओर अपिल की गई. उनके आदेश को भी अनदेखी किए जाने से पालिका में हो रही धांदली चौराहे पर आयी है. सुचना अधिकार कार्यकर्ता सुनील चोपने ने शहर में  सन 2000 के बाद लॉन  एवं मंगल कार्यालय के लिए तथा विवाह समारोह के लिए पालिका द्वारा अनुमति दी गर्ठ क्या ऐसे मुद्दे सुचना अधिकार में  उपस्थित किए थे. 22 सितंबर 2016 कसे सुचना आवेदन प्रस्तुत किया. 

विहीत समय में सुचना  प्राप्त न होने से  22 नवंबर 2016 को  प्रथम अपिल दाखिल किया. जिसमें प्रशासन ने सुचना निरंक ऐसी जानकारी दी थी. जिससे 13 अप्रैल को द्वितीय अपिल दाखिल की, जिसपर आयोग ने 18 नवंबर 2019 को सुनवाई हुई, लेकिन उचित जानकारी देने का प्रयास पालिका प्रशासन द्वारा नही किया गया.    राज्य सुचना आयुक्त संभाजी सरकुंडे ने इस मामले में जांच करने पर 29 मई 2020 को आदेश पारीत कर सुचना अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 7 (1) नुसार संबधीत सुचना अधिकारी मयुर दहिकर ने विहित समय में उपलब्ध और देनेलायक जानकारी अपीलार्थी को  प्रदान नही की गई. इसलिए 25 हजार रु.  जुर्माना एवं शिस्तभंग  कारवाई की सिफारीश की. तो  प्रथम अपिलीय अधिकारी संदिप बोरकर ने सक्त ताकीद देने की बात आदेशात स्पष्ट दर्ज की गई. साथही आदेश पारित होने के तिस दिनों के भितर अपिलार्थी को अपडेट जानकारी दे और इसका अनुपालन रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत करने की सुचना दी गई. लेकिन अबतक यह जानकारी प्राप्त नही होने की बात चोपणे द्वारा कही गई.