1 से 16 दिसंबर के बीच जिले में कुष्ठ और तपेदिक संयुक्त अनुसंधान अभियान

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यवतमाल. कोरोना महामारी के कारण कुष्ठ और तपेदिक की कम घटनाओं के कारण, राज्य सरकार ने संयुक्त तलाशी अभियान चलाने का निर्देश दिया है. इस सिलसिले में, स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में 1 से 16 दिसंबर 2020 तक कुष्ठ और तपेदिक रोगियों के लिए एक संयुक्त खोज अभियान चलाया जाएगा.

अभियान का मुख्य उद्देश्य समाज में कुष्ठ और तपेदिक के रोगियों का जल्द से जल्द निदान और उपचार करना और संक्रमण की श्रृंखला को तोड़कर बीमारी के प्रसार को रोकना है, साथ ही कुष्ठ और तपेदिक के बारे में समाज में जागरूकता पैदा करना है. वर्तमान में यवतमाल जिले में कुल 1480 टीबी रोगियों का इलाज चल रहा है. इन मरीजों को निश्चय पोषण योजना के तहत 500 रुपये प्रति माह की दर से दवा के लिए लाभ दिया जा रहा है. साथ ही 1 अप्रैल से अक्टूबर 2020 तक जिले में 158 कुष्ठ रोगियों का निदान किया गया है.

आशा स्वयंसेवकों और पुरुष स्वयंसेवकों का एक दल यवतमाल जिले में संयुक्त कुष्ठ और तपेदिक खोज अभियान को अंजाम देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 22 लाख 69 हजार 859 लोगों और शहरी क्षेत्रों में 2 लाख 1 हजार 67 लोगों का सर्वेक्षण करेगा. इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 2395 और शहरी क्षेत्रों के लिए 154 दस्ते नियुक्त किए गए हैं. घर-घर की यात्रा के दौरान, परिवार की महिला सदस्य आशा स्वयंसेवक द्वारा जांच की जाएगी और पुरुष सदस्यों द्वारा पुरुष स्वयंसेवक द्वारा जांच की जाएगी. नागरिकों को घर के दौरे के लिए आने वाली टीम के सदस्यों के साथ सहयोग करना चाहिए, अपील जिलाधिकारी एम. डा. देवेंद्र सिंह, जिप मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीकृष्ण पांचाल ने किया है.

इस अभियान की सफलता के लिए जिला सर्जन डा. तरंगतुषार वारे, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. हरि पवार के मार्गदर्शन में जिला क्षय रोग अधिकारी डा. सुभाष ढोले, सहायक संचालक (कुष्ठ रोग) प्रशांत पवार सहयोग कर रहे हैं.