उमरखेड. सरकार की ओर से लाकडाउन की घोषणा की गई है. कोरोना संक्रमण को बढ़ाने की वजह से लाकडाउन की घोषणा की है. वहीं शराबियों में इस बात की नाराजगी है कि तहसील में कुछ लाइसेंस प्राप्त दूकानों में ही शराब महंगे दर पर बेची जा रही है. जिला राज्य आबकारी अधिकारी से मांग की गई है कि लाइसेंस धारकों की दूकानों की सील और शराब के स्टॉक का निरीक्षण करें.
शराब शौकीनों की लूट
महाराष्ट्र सहित पूरे जिले में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. सभी शराब की दूकानें बंद हैं, सरकार के आदेश की अवहेलना में कुछ लाइसेंस धारकों ने अपनी दूकानों से विदेशी शराब की बिक्री का विरोध किया है. इसे ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब डीलरों के माध्यम से दोगुनी या तिगुनी दर पर बेच रहे हैं.
शहर और तहसील का इसलिए जरूरतमंद शराबियों को सचमुच लूट लिया जा रहा है. पहले से ही आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों ने सभी आम लोगों के परिवारों को खत्म कर दिया है. महत्वपूर्ण काम के बहाने शराबियों ने शराब खरीदने के लिए घर के पैसे लाए हैं. अवैध शराब के सौदागरों से शराब खरीदकर अपनी जरूरतों को पूरा किया जा रहा है. विकट स्थिति में शराब की बिक्री अपने चरम पर पहुंच गई है.
अवैध रूप से जारी है आपूर्ति
विदर्भ के मराठवाड़ा में हिमायतनगर तामसा से लेकर चातारी ब्राम्हणगांव तक बोरी (चातारी तहसील के इलाके में) से शराब की अवैध आपूर्ति शुरू हो गई है. राज्य के आबकारी विभाग के पुसद मंडल अधिकारी अपने हितों की देखभाल करने में लगे हैं. उमरखेड पुलिस मूकदर्शक बनी है. जिला आबकारी अधीक्षक से इस ओर ध्यान देकर लाइसेंस धारकों के दूकानों पर चिपकाए गए सील और शराब की जांच करने की मांग की जा रही है.