Lockdown
File Photo

Loading

यवतमाल. कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है. ऐसे में हर दिन बड़ी संख्या में कोरोना के मरीज निकल रहे हैं. वहीं कोरोपा पाजिटिव की मौतों की संख्या भी बढ़ी है. कोरोना पीड़ितों की संख्या डेढ़ सौ तक पहुंच गई है. जिले में विभिन्न व्यापार संघों ने कोरोना के वायरल संक्रमण के चक्र को तोड़ने और नागरिकों में जागरूकता पैदा करने के लिए मंगलवार, 15 से शनिवार, 19 सितंबर तक पांच दिन बाजार बंद रखने का निर्णय लिया है. शनिवार शाम को ऑनलाइन बैठक में इस निर्णय को हरी झंडी दी गई. चेंबर आफ कॉमर्स के अध्यक्ष अरुण पोबरू की पहल पर, ट्रेड यूनियनों और व्यापारियों को पांच दिवसीय बंद पर टिप्पणी करने के लिए आमंत्रित किया गया. पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर बंद को लेकर संदेश वायरल हो रहा है. उस आधार पर जिले में बाजारों को बंद करने का निर्णय लेने प्रतिक्रिया मांगी गई थी.

50 से ज्यादा संगठनों में बनी सहमति

जिले में 50 से अधिक व्यापारी संघ है. शुरू में इस बात को लेकर भ्रम था कि क्या यवतमाल शहर या जिला है. बाद में सभी तालुका और सभी वर्ग के व्यापारियों से संपर्क करके उनके विचार मांगे गए. सभी व्यापारियों ने स्वेच्छा से पांच दिनों के लिए बाजार बंद करने की तैयारी दर्शाई. जिले में शहर, ग्रामीण और तालुका के बाजारों में भारी भीड़ देखी जा सकती है. मास्क का पर्याप्त उपयोग नहीं किया जाता है.

नागरिकों में जागरूकता का उद्देश्य

ट्रेड एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि वे बाजार बंद को सार्वजनिक जागरूकता के लिए बंद रखे हुए हैं. इसमें प्रशासन की कोई भागीदारी नहीं है. वर्तमान में कोरोना रोगियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जिले के सभी व्यापार संघों के अध्यक्ष ने इस संबंध में फीडबैक लिया. एक ऑनलाइन बैठक में पांच दिनों के लिए जिला बाजार बंद करने का निर्णय लिया गया. इस बंद का मुख्य उद्देश्य नागरिकों में जागरूकता पैदा करना है.

– अरुण पोबरू, अध्यक्ष-चेंबर आफ कामर्स.

भारत बंद को लेकर कोई समर्थन नहीं. बाजार बंद को लेकर प्रशासन स्तर पर कोई चर्चा नहीं हुई है.  प्रशासन की ओर से कोई बंद करने का निर्देश नहीं है. अब अनलॉक करने की प्रक्रिया है और सभी को मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा. अपनी दैनिक गतिविधियों को सुरक्षित रूप से करना होगा. बंद को लेकर सरकार के स्तर से कोई निर्देश नहीं है. मुझे कोई पत्र नहीं मिला है.

-एमडी सिंह, कलेक्टर.