यवतमाल. ओबीसी समुदाय के विकास के लिए काम करने वाले सभी संगठनों की ओर से. 08 अक्तूबर 2020 को, महाराष्ट्र के हर जिले में ओबीसी की मांगों को लेकर आंदोलन का आयोजन किया गया है. महाराष्ट्र के 36 जिलों में, ओबीसी की मांगों के लिए न्याय की मांग के लिए विभिन्न ओबीसी संगठन अलग-अलग तरीके से आंदोलन कर रहे हैं. इसमें भारतीय पिछडा (ओबीसी) शोषीत संगठन नई दिल्ली, ओबीसी, एनटीविजे, एसबीसी, संघर्ष समिति व अन्य ओबीसी संगठन आंदोलन कर रहे हैं. इस आंदोलन की मांगें इस प्रकार हैं. मराठों को ओबीसी की श्रेणी में शामिल नहीं किया जाना चाहिए. महाराष्ट्र में स्थिर मेगा भर्ती तुरंत शुरू की जानी चाहिए.
ओबीसी के साथ सभी जातियों की जातिवार जनगणना की जानी चाहिए. अगर केंद्र ऐसा नहीं करता है, तो महाराष्ट्र सरकार को करना चाहिए. ओबीसी को पदोन्नति में आरक्षण दिया जाना चाहिए. न्यायिक प्रणाली में कॉलेजियम प्रणाली को समाप्त करके, भारत सरकार ने यूपीएससी की भूमि पर अखिल भारतीय न्यायपालिका साहिसेस को नियुक्त करने का निर्णय लिया है.
सरकार को सिफारिश करनी चाहिए. राज्य में गैर-कृषि विश्वविद्यालयों और संबद्ध कॉलेजों में शिक्षकों (प्रोफेसरों) की भर्ती में केंद्र सरकार द्वारा शिक्षक संवर्ग अधिनियम 2019 अधिनियम में आरक्षण का तत्काल कार्यान्वयन. जिले में जहां ओबीसी को 6, 9, 11, 14 फीसदी वर्ग तीन व चार के पदों के लिए आरक्षण है, ऐसे जिलों में ओबीसी ऐसे जिलों में ओबीसी को 19 फीसदी आरक्षण दिया जाना चाहिए. ओबीसी के लिए बनाई गई महाज्योति संस्था को 1000 करोड़ का प्रावधान तत्काल किया जाना चाहिए. ओबीसी छात्रों की स्थिर छात्रवृत्ति का भुगतान किया जाना चाहिए और छात्रों के लिए छात्रावास शुरू किए जाने चाहिए.
आंदोलन में शामिल होने का आवाह्न प्रदेश अध्यक्ष डा. ज्ञानेश्वर गोरे, केंद्रीय कार्यकारणी सदस्य विलास काले, जिलाध्यक्ष लक्ष्मीकांत लोलगे, जिला महासचिव विनोद इंगले, तालुका अध्यक्ष डा. संजय ढाकुलकर, कोषाध्यक्ष भानुदास केलझरकर, सचिव संतोष झेंडे, महासचिव विनोद इंगले, जिलाध्यक्ष महिला मायाताई गोरे, विदर्भध्यक्ष सुनिता काले, शहरध्यक्ष कमलताई खंडारे, निता दरणे, माधुरी फेंडर, वैशाली फुसे, वर्षा मेत्रे, माधवी चिंचोलकर, नम्रता खडसे, अर्पणा लोखंडे, वंदना जवलकर, सुनिता लोखंडे, कल्पना मादेश्वार, अंजु चिल्होरकर, जिला सचिव विनोद इंगले, सल्लागार जगदीश मालवी, एड. अरूण मेत्रे, शहर महिला अध्यक्ष कमलताई खंडारे प्रदेश सदस्या प्राध्यापक सविता हजारे, जिला संघटक बाबुसिंग कडेल, विठ्ठलराव नाकतोडे, संजय येवतकर, गजानन गुल्हाने, राजु बोरकर, डा. सुभाष वानरे, डा. संजय ढाकुलकर, प्रफुल खेडकर, संतोष झेडे, गगांधर खंडारे, मनोज पाचघरे, दिलीप बेलसरे, निशीकांत थेटे,सुरेश मालवी, विजय मालवी,अरविंद मालवी, महेंद्र पिसे, राजु पत्रे ने किया है.