यवतमाल. जिले में पहली बार पुलिस की ओर से रेमेडिसविर’ की कालाबाजारी उजागर की गई है. इस मामले में कई छोटी और बड़ी मछलियां जाल में फंस रही है. सरकारी अस्पताल कालेबाजार का केंद्र बन गया है. इस मामले में तथाकथित नर्स द्वारा सरकारी आपूर्ति के 9 ‘रेमेडिसिविर’बेचने की बात उजागर हुई है. नर्स सहित 3 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
एलसीबी ने जिले में रेमिडेसिविर पर एक कालाबाजार उजागर किया था. एक डॉक्टर और एक चिकित्सा चालक सहित 2 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था. नागपुर के एक निजी अस्पताल की एक नर्स और यवतमाल जिला सरकारी अस्पताल की एक नर्स को गिरफ्तार किया गया.
पूनम मेश्राम और शबाना अन्सारी को नागपुर के जिला सरकारी अस्पताल के क्वार्टर से गिरफ्तार किया. 3 आरोपियों को 2 दिन का पीसीआर मिला है. यवतमाल सरकारी अस्पताल की पूनम मेश्राम को गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में उन्होंने कहा कि रेमिडेसिविर के 9 इंजेक्शन सरकारी अस्पताल में आपूर्ति के बीच थे.
5,000 में बेचने की बात कबूली
कान्ट्रैक्ट नर्स पूनम ने कहा कि उन्होंने कोविड वार्ड के बाहर के इंजेक्शनों को 5,000 रुपये में बेचा. पुलिस ने पूनम के पास से 28,700 रुपये नकद जब्त किए हैं. सोमवार को पूनम मेश्राम के साथ, डॉ. अक्षय तुंडलवार, सावंत पवार और सौरभ मोगरकर को अदालत में पेश किया गया. जहां उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया. एपीआई गजानन करेवाड मामले की जांच कर रहे हैं.