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  • 25 क्विंटल कपास की है मर्यादा

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यवतमाल. कोरोना के लॉकडाउन दौरान ठप हुई कपास खरीदी, इसके बाद खरीदी संबधी नियोजनशून्य कामकाज होने से किसान परेशान हुआ था. जिससे कपास खरीदी का नियोजनही बिगडने से त्रस्त किसानों ने रोष व्यक्त किया था. अब  प्रशासन द्वारा नई उपाययोजनाएं की गई है. एक कोने से दुसरे कोने पर कपास बेचने के लिए किसानों को अब नही जाना होगा. इसमें 25 क्विंटल कपास की मर्यादा कायम रहेगी. कपास उत्पादक यवतमाल जिले के किसानों को इसबार कपास बेचने के लिए काफी तकलीफ सहनी पडी. अब भी किसानों के घर में कपास पडा है. कपास बिक्री के लिए पंजीयन करने के बाद भी नंबर नही लगने से कपास किसानों के घर में ही है. जिसका असर कपास की क्वालिटी पर हुआ. कपास की फक्रि किसान को सताने लगी, कपास खरीदने के लिए कुछ दिनों की महुलीयत दी गई है.

अब नए से नियोजन भी किया गया. प्रशासन ने सीसीआई और  पणन महासंघ के माध्यम से पंजीकृत किसानों का कपास खरीदना शुरू किया. लेकिन जगह नही होने से कुछ केंद्र शुरू नही हुए थे. तो को कपास बेचने के लिए काफी दुर जाना पडता था. इसी दौरान नेर के एक किसान को  वणी से  एफएक्यू के नाम पर लौटा दिया गया था. संतप्त किसान ने अपनी कपास गाडी जिला उपनिबंधक कार्यालय में खडी कर जवाब मांगने से यंत्रणा हडबडा गई. अब करीबी तहसील में ही कपास खरीदने का निर्णय जिला उपनिबंधक प्रशासन द्वारा लिया गया है. इसमें प्रमुखता से पंजीकृत किसान कपास बिक्री कर सकेगे.

यवतमाल के केंद्र पर नेर के 30 वाहनों को अनुमति दी गई. अन्य  यवतमाल के केंद्र पर 70 वाहन, कलंब के केंद्र बाभूलगाव के पंजीकृत किसानों को जाना होगा. लेकिन कलंब के पंजीकृत किसान समाप्त होने के बाद जाना होगा.  आर्णी में  दिग्रस, पुसद के किसान बिक्री कर पाएगे. इसमें आर्णी 30, दिग्रस 20 और पुसद 25, आदी वाहनों को अनुमति दी गई है.  दारव्हा के रोज 60 वाहनों को अनुमति प्राप्त हुई है. प्रशासन ने नया नियोजन कर किसानों को राहत दी गई. लेकिन कपास खरीदी को गतिमान करें ऐसी मांग किसानों द्वारा हो रही है. 25 क्विंटल से अधिक कपास होनेवाले किसानों को वणी में कपास बिक्री के लिए जाना होगा. नए नियोजन नुसार केवल 25 क्विंटल से कम कपास होनेवाले  किसानों को करीबी तहसील में बिक्री के लिए जाना होगा.