न्याय देनेवाले वकीलों को ही न्याय की जरूरत, कोर्ट के बाहर कर रहे काम

  • वकीली छोड के खेत में कर रहे मेहनत

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यवतमाल. मार्च महिने के आखरी हफ्ते से कोर्ट का कामकाज बंद हुआ. अब जुलाई माह से कोर्ट का काम शुरू हुआ. वकील लोग कोर्ट के बाहर काम कर रहे तो कोई कोर्ट के पोर्च में काम कर  रहे है. 25 नवंबर तक कोर्ट बंद रहनेवाला है. उसके आगे भी कोर्ट का कामकाज शुरू होगा की नही इस पर प्रश्नचिन्ह है. इसलिए अंदर बैठकर काम करनेवाले वकीलों को अब बाहर रहकर कोर्ट का काम निपटाना पड रहा है. कई वकीलों ने तो वकीली छोडकर खेती में श्रम करना पसंद किया है.

मानसिक श्रम करनेवाले वकील लोग अब शारीरिक श्रम करते हुए दिख रहे है. पहली बार ऐसा हुआ है की वकील लोगों को बेरोजगार रहना पड रहा है. इसलिए विविध वकील मानिसक रोग का शिकार भी बन चुके है, ऐसा वास्तव्य सामने आया है.कोरोना के चलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च महिने के तिसरे हफ्ते में लॉकडाउन की घोषणा की और वहीं मार्च की आखरी सप्ताह से पुरे देशभर में कोर्ट का कामकाज स्थगीत हो गया. इसका प्रभाव यवतमाल बार क्षेत्र में भी काफी पैमाने पे दिखा.

पहले वकील का कामकाज कोर्ट के अंदर चलता था अब वकीलो को बाहर काम करना पडना पड रहा है. वह भी कोर्ट में केवल सेशन कोर्ट का महत्वपूर्ण कामकाज चल रहा है. बाकी सब तारीख पे तारीख चल रही है. तारीख एक दो महिने की नहीं सीधे 2021-22 की मिल रही है, ऐसी जानकारी भी वकीलों ने दी है. इसलिए अंदर खुर्ची पर काम करनेवाले बुजूर्ग वकीलों पर काम करने की दिक्कत आ रही है. इसीलिए दुसरों को न्याय देनेवाले वकीलों पर न्याय मांगने की नौबत आयी है.

एसओपी नुसार कोर्ट का कामकाज 11 से 2 बजे तक शुरू है इसलिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. 6 जुलाई से कोर्ट का कामकाज शुरू हुआ. कोर्ट में आने की संख्या कम है, केवल महत्वपूर्ण कामकाज ही कोर्ट में हो रहे, इसलिए आर्थिक संकटो का सामना हम लोगो के व्यवसाय पर पडा है.

एड.अमित बदनोरे, सचिव जिला वकील संघ यवतमाल.

कोर्ट में केवल तारीख पे तारीख शुरू है. न्याय देने के लिए विलंब करके न्याय मांगनेवालों पर न्यायदान करनेवाले अन्याय करने का काम कर रहे है. लॉकडाउन के पहले कोर्ट का काम अंदर था, अब बाहर बैठकर काम करना पड रहा है. कुछ वकील लोग मानसिक रूप से पीडीत हो गए तो कुछ वकील खेती में काम कर रहे है. आत्महत्या करने की नौबत वकीलों पर आ पडी है.

एड. डी. एम. पाचकोर, विधीतज्ञ यवतमाल

कोर्ट में सिर्फ सेशन का काम चल रहा है. सबुतों का काम ठप है. 25 नवंबर को कोर्ट खुलेंगे इसकी गारंटी नही है. कोरोना की वजह से हम लोगों पर विविध संकटों का सामना करना पड रहा है. कामकाज नहीं होने से आर्थिक दिक्कत झेलनी पड रही है इस साल की हमारी दिवाली अंधेरे में होनेवाली है.

एड. अमोल इंगोले, सीवील एवं क्रीमीनल तज्ञ.