पिम्पलखुटी चेकपोस्ट बना शोपीस, तस्करी वाहनों को छोड़ने का बना अड्डा

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    मारेगांव. हैदराबाद से नागपुर राज्य महामार्ग 7 पर पांढरकवड़ा से कुछ किमी दूरी पर आंध्र महाराष्ट्र बार्डर पर चेक पोस्ट बनवाया गया. इस मार्ग पर वाहनों का आवागमन भारी मात्रा में होता हैं, उन्हें चेक कर कार्रवाई करने का फरमान है, किंतु चेक पोस्ट शोपीस साबित हो रहा है. बंगलोर-हैदराबाद से विदर्भ में कच्चे पक्के माल का आवागमन भारी मात्रा में होता है. उस उद्देश्य से चेक पोस्ट का निर्माण किया गया है. यहां इन वाहनों को चेक कर कार्रवाई के अलावा इन ट्रक चालकों से मोटी राशि लेकर उन्हें छोड़ देने की बात आम हो चुकी है.

    गौरतलब यह है कि इस चेक पोस्ट पर निजी लड़कों को भारी मात्रा में रखकर वसूली की जाने की भी बात सामने आयी हैं, एक गुजरे जमाने से यह चेक पोस्ट वसूली के नाम से माहिर है. कार्रवाई शून्य और वसूली के आंकड़े कुछ बड़े ही होने की भी बात सामने आयी है. कच्चे व पक्के वाहनों के अलावा जानवरों के ट्रक भी बड़ी संख्या में एंट्री करवा कर छोड़ दिए जाते हैं.

    हैदराबाद, आदिलाबाद में बकरी व गोवंश की बड़ी-बड़ी मंडिया खुले आम लगती हैं. जिसमे विदर्भ से सैकड़ों ट्रक कंटेनर से जानवरों को इन मंडियों में पिम्पलखुटी चेकपोस्ट क्रास कर रवाना किया जाता है. इन वाहनों को क्रास करने के लिए लाखों का व्यवहार किया जाता है. एक चर्चा का विषय आज बना हुआ है. 

    चेकपोस्ट नाके बंद करें

    सारी चीजों पर गोवर्नमेंट ने GST लगा रखी है. सारे चेकपोस्ट टोल नाके बन्द करने चाहिए, पिम्पलखुटी चेकपोस्ट हमेशा कार्रवाई कम और वसूली ज्यादा इस बात को लेकर चर्चा में रहा है. चेक पोस्ट नहीं रहकर एक वसूली का केंद्र बना है, किंतु बंद करना चाहिए और बंद करने के लिए मैं भी कदम उठाउंगा.

    -किशोर तिवारी अध्यक्ष वसंतराव नाईक, किसान स्वालंबन मिशन