dengue

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    पांढरकवडा. शहर और पूरे तहसील में भारी वर्षा हुई है. शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में कई खुले क्षेत्रों और नालों में, बड़ी संख्या में पेड़, झाड़ियाँ और रुके हुए पानी से उग आया है, जिसने मच्छरों के लिए उपजाऊ जमीन बनाई है मच्छरों की संख्या बढ़ रही है और मच्छरों की संख्या में वृद्धि के कारण डेंगू बुखार और महामारी रोग होने की संभावना है.

    इससे कहीं-कहीं सीवेज और पानी के गड्ढे रुके हुए पाए जाते हैं. शहर के कुछ हिस्सों में नालों की सफाई नहीं होने से मच्छरों की संख्या बढ़ी है और बीमारियों को न्यौता मिला है. हालांकि, अगर डेंगू महामारी को जिम्मेदार ठहराया जाए, तो स्वास्थ्य का खेल ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के गरीब किसानों और ग्रामीण मजदूरों को आर्थिक संकट में डाल रहा है. नगर परिषद प्रशासन और ग्रा. पं. प्रशासन अभी तक मच्छर जनित लक्षणों और उनके कारण होने वाली बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं कर पाया है.

    विगत वर्ष शहर के सावरकर वार्ड, उत्तरवार ले आऊट, रानी लक्ष्मीबाई वार्ड इस क्षेत्र व कुछ ग्राप क्षेत्र में डेंगू के मरीज पाए गए थे और नगरपरिषद व स्वास्थ्य विभाग द्वारा समूचे शहर में बडे पैमाने पर छिडकाव कर बिमारी पर नियंत्रण पाया गया था. लेकिन इस वर्ष नगर परिषद द्वारा ग्रामपंचायत, स्वास्थ्य विभाग द्वारा किसी भी तरह की जनजागृति मुहिम नहीं चलाने से नागरिकों का स्वास्थ्य खतरे में पड गया है. जिससे शहर में बढते मच्छरों को नियंत्रण पाने के लिए छिडकाव करने और नालियों की साफसफाई करने की मांग शहर के नागिरकों द्वारा की जा रही है.

    इसे रोकने के लिए हर साल शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर छिड़काव किया जाता है और नागरिकों को उचित मार्गदर्शन दिया जाता है. नालों की सफाई की जाती है लोग जल्द से जल्द पंचायत स्वास्थ्य विभाग पर ध्यान देकर नागरिकों के स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत की बात कर रहे हैं.