Kharif
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यवतमाल. खरीफ मौसम अब दहलीज पर है. रोहिणी नक्षत्र में ही अच्छी बारीश हुई. जिससे किसानों ने अब खेती के मरम्मत को गति दी है. लेकिन सरकार द्वारा फसलकर्ज वितरण का नियोजन अब तक नही दिख रहा है. कृषि उत्पादों की बिक्री नहीं होने से किसानों के पास पैसा नही है. जिससे खरीफ मौसम के लिए किसानों को अनुदान पर बीज उपलब्ध कराने की मांग हो रही है.

मृग में ही मानसून
मौसम विभाग के के अनुसार मृग नक्षत्र पर ही मानसून राज्य में दाखिल होने की संभावना है. किसान बीज की खोज में है. सरकार अनुदान पर बीज उपलब्ध कराए ऐसी मांग किसान कर रहे हैं. मृग प्रारंभ होने के बाद जमीन में पर्याप्त गीलापन निर्माण होने से किसान बुआई करता है. इस वर्ष खाद, बीज की कीमत खासकर सोयाबीन की कीमत में काफी वृध्दि हुई है. जिससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है.

कर्जमाफी का लाभ नहीं
सरकार द्वारा कर्जमाफी तो घोषित हुई, लेकिन आधे से अधिक किसान कर्जमाफी से वंचित हैं. किसान सम्मान योजना, अकाल सहायता, फसल बिमा जैसी मदद से तहसील के सैकड़ों किसान वंचित हैं. आगामी मौसम के लिए पैसे कहां से लाएं ऐसा सवाल उन्हें सता रहा है. गत वर्ष खरीफ मौसम में सरकार द्वारा सोयाबीन के बीज अनुदान पर बांटे गए थे. लेकिन इस वर्ष अबतक अनुदानित बीज उपलब्ध नही होने से किसान संकट में हैं.

सूखा, गीला का संकट
सोयाबीन निकालते समय लौटती बारिश होने से काफी किसानों के पास बुआई योग्य बीज नहीं है. कभी सूखा तो कभी गीला अकाल पड़ने से किसानों का मनोबल कम हुआ है. उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा विविध उपाययोजनाएं करना जरूरी है. हजारो रुपयों के बीज खेत में डालने के बाद बारिश नहीं हुई तो किसानों की मानसिक और आर्थिक स्थीति कमजोर होती है. इसलिए सरकार अनुदान पर बीज उपलब्ध कराएं ऐसी मांग हो रही है.