Antigen test will be done for 'super spreader' persons
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  • जिलाधिकारी ने की जांच, संभागीय आयुक्त को भेजी रिपोर्ट

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यवतमाल. यवतमाल स्वास्थ्य विभाग के तहत कोरोना जांच के लिए विविध स्त्रोतों से खरीदी गयी रैपिड एंटीजन टेस्ट कीट खरीदी में भारी घोटाला होने का मामला सामने आया है. कीट खरीदी की संख्या और स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर दर्ज कीट की आंकड़ेवाडी में काफी बड़ा अंतर पाया गया है. इस मामले की जांच कर जिलाधिकारी तथा जिला आपदा व्यवस्थापन समिति के अध्यक्ष एम.देवेंदरसिंह ने संभागीय आयुक्त को रिपोर्ट भेजी है. इस मामला उजागर होने के बाद स्वास्थ्य प्रशासन में हड़कम्प मच गया है.

कीट खरीदी और दर्ज आंकड़ेवारी में बड़ा अंतर

उल्लेखनीय है कि जिले में कोरोना महामारी फैलने के बाद वसंतराव नाईक जिला मेडिकल कालेज तथा अस्पताल यवतमाल, जिला शल्य चिकित्सक यवतमाल तथा जिला स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय द्वारा कोरोना प्रभावितों के स्वैब टेस्ट के लिए बड़े पैमाने पर विविध स्त्रोतों से टेस्ट कीट की खरीदी की गई थी. जिला स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय द्वारा कीट खरीदी और दर्ज आंकड़ेवारी में बड़ा अंतर सामने आया है. जिला स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय को अलग-अलग स्त्रोतों और खरीदी के तहत 83 हजार 149 कीट में 70 हजार 33 कीट का टेस्ट के लिए इस्तेमाल कर लेने और इसमें केवल 13 हजार 116 कीट बचे होने के बाद आयसीएमआर पोर्टल पर 35 हजार 442 कीट शेष होने की संख्या दर्ज की गई है. जिलाधिकारी सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के संबंधित अधिकारियों से इस मामले की पूछताछ करने के बाद संभागीय आयुक्त अमरावती को इस आशय की रिपोर्ट पेश की है. इस बारे में आयुक्त स्तर पर क्या कार्रवाई होती है, इस ओर सभी का ध्यान लग चुका है.   

निजी अस्पतालों को बेचने  की आशंका 

रैपिड एंटीजन टेस्ट की आंकडेवारी में बडा अंतर आने के बाद कोरोना टेस्ट के लिए खरीदी गए लगभग 76 हजार टेस्ट कीटस आखिर कहां गए, यह बात संदेहास्पद बन चुकी है, इसे केंद्रीय आयसीएमआर के पोर्टल पर क्यों दर्ज नहीं किया गया, यह सवाल भी खड़ा हो चुका है,. इसकी  जांच होने पर लापरवाही और आर्थिक और प्रशासनिक अनियमितता बरतनेवाले अधिकारीयों पर कड़ी कारवाई की गाज गिर सकती है. सूत्रों के मुताबिक प्रति नग रैपिड एन्टीजन टेस्ट खुले मार्केट में ढाई से तीन हजार रुपयों की मिलती है जिससे इन महंगी कीटों को यवतमाल, नागपुर, अमरावती समेत आसपास के जिलों में कोविड 19 के लिए निर्धारित निजी अस्पतालों को बेचने  की चर्चा जारी है.

आयसीएमआर पोर्टल पर दर्ज विवरण के अनुसार यह बात ध्यान में आयी है की संदर्भ क्रमांक 5,6,7 से प्राप्त जानकारी के अनुसार अधिष्ठाता  वसंतराव नाईक शासकीय महाविद्यालय यवतमाल, जिला शल्यचिकित्सक यवतमाल तथा जिला स्वास्थ्य अधिकारी यवतमाल ने विविध स्त्रोतों से अलावा यंत्रणा द्वारा कुल 13 लाख 75 हजार 599 एंटीजन  कीट खरीदी किए.  इसमें मरीजों के कोरोना जांच का सैम्पल लेने के लिए 11 लाख 17 हजार 13 कीट का इस्तेमाल किया. जबकि आयसीएमआर पोर्टल पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस्तेमाल किए गए 11 लाख 17 हजार 13 कीट को दर्ज करना जरूरी था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इस पोर्टल पर केवल 35 हजार 942 एन्टीजन कीट दर्ज किए हैं. इस बारे में  जांच कर रिपोर्ट अगली कारवाई के लिए संभागीय आयुक्त को भेज दी गयी है.

-एम.देवेंदर सिंह, जिलाधिकारी