ढाणकी. ढाणकी परिसर में विगत कुछ दिनों लगातार हुई बारिश से खेत की सोयाबीन, कपास की फसलों की दयनीय स्थिति हो गई है. खरीफ की सोयाबीन की फसल कटाई के लिए पहुंची है, ऐसे में किसानों के फसलों में बारिश का पानी जमा हुआ है तथा मजदूरों को वापसी की यात्रा करनी पड रही है.
कोविड-19 के कारण, सभी काम पहले से ठप चुके थे. किसानों विगत तीन-चार महिनों से दिन-रात फसल की देखभाल कर रहे हैं. किसानों ने कर्ज, उधार लेकर खरीफ की फसल लगाई. बलीराजा पहले कोरोना और फिर अचानक लगातार बारिश से चिंतित हो गए है. कई किसान अपनी आजीविका के लिए खरीफ फसलों पर निर्भर हैं. अपने बच्चों पढाई, बेटी की शादी खेतों में उगाई जानेवाली फसलों पर निर्भर करती है. किसानों द्वारा तीन-चार महीने खेती की फसलों पर लगाई लागत व्यर्थ जा रही है.
जिससे सरकार किसानों की फसलों का निरीक्षण कर जल्द पंचनामा कराकर लगतार बारिश से हुए नुकसान की सहायता देकर राहत प्रदान करने की मांग ढाणकी के किसान कर रहें है.