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    यवतमाल. कोरोना महामारी के कारण बिते मार्च से लेकर अब तक प्राइमरी और प्राथमिक शिक्षा संस्थानों बंद होने से छात्रों के पढ़ाई पर इसका काफी बुरा असर पड़ा है. वहीं दूसरी ओर कक्षाओं में आनलाइन पढ़ाई पर जोर दिया जा रहा है. इसी दौरान प्राथमिक शक्षा संचालनालय द्वारा शिक्षा के अधिकार कानून के तहत वर्ष 2021-21 इस शिक्षा सत्र में बिना अनुदानित अंगरेजी और सभी माध्यमों की निजी शालाओं में पिछड़ावर्गीय और अल्पसंख्यक छात्रों को 25 फीसदी नि:शुल्क प्रवेश देन की प्रक्रिया शुरू की गई है.

    आनलाइन प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने केवल 3 मार्च से लेकर 21 मार्च तक ही समयावधि दी गई, लेकिन यह काफी कम समय होने से अनेक अभिभावक अपने बच्चों का निजी अनुदानित शालाओं में उक्त सहूलियत के मुताबिक आनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाए. इसमें बड़े पैमाने पर तकनीकी दिक्कतें आने से आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रीया बुरी तरह बाधित हुई है.

    तकनीकी परेशानी का करना पड़ रहा सामना

    हर बच्चे को शिक्षा के अधिकार के तहत 2009 में कलम 12(1),(सी) के अनुसार निजी बिना अनुदानित शालाओं में वंचित, दुर्बल घटकों के लड़के-लड़कियों के लिए 25 फीसदी सीट आरक्षित रखने की सिफारिश की गई है. जिससे इस शिक्षा सत्र के लिए प्रवेश प्रक्रिया आनलाइन चलाने के निर्देश थे. यवतमाल जिले जिले में आरटीई के तहत 25 फीसदी आनलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू की गई. शिक्षा सत्र के लिए अभिभावकों को अपने बच्चों के लिए आवेदन करने के लिए 21 मार्च 2021 तक अवधि दी गई थी, किंतु 11 मार्च से 15 मार्च के दौरान ओटीपी मिलने और भेजने में दिक्कतें आयी.

    इसके अलावा अन्य तकनीकी परेशानियों से भी अभिभावकों को जूझना पड़ा. जिससे सैंकड़ों अभिभावक आरटीई के तहत अपने बच्चों को निजी शालाओं में आरक्षित सीट के प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाए. इसके अलावा कोरोना महामारी और लॉकडाउन की भी दिक्कतें रही, इससे जुड़ी शिकायतें शिक्षा संचालनालय को मिलने के बाद इस वर्ष की प्रवेश प्रक्रिया के लिए पालकों को आवेदन करने के लिए 30 मार्च तक अवधि बढ़ाने के निर्देश शिक्षाधिकारी को दिए गए है. इस माह के 19 मार्च को इसके लिए प्राथमिक शिक्षा संचालनालय ने शिक्षाधिकारी को पत्र जारी किए है. 

    शिक्षाधिकारी से लगाई गुहार

    काफी कम समय और तकनीकी दिक्कतों को ध्यान में लेकर अभिभावकों और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े संगठनों ने गरीब और जरूरतमंद बच्चों को निजी शालाओं में नि:शुल्क प्रवेश के लिए इसकी अवधि बढ़ाकर देने की मांग की थी. 2 दिनों पूर्व ही शहवार खान और अन्य नागरिकों नें जिलाधिकारी को निजी शालाओं में आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया पुरी करने के लिए अवधि बढाकर अभिभावकों को राहत देने और निजी शालाओं में आरटीई एक्ट के तहत जरूरतमंद छात्रों कों प्रवेश करवाने शिक्षाधिकारी द्वारा आवश्यक कदम उठाने की मांग की गई थी.