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मारेगांव. कोरोना संक्रमन रोकने के लिए संपुर्ण देश में लॉकडाउन की स्थिती है. इसी दौरान मई माह में मारेगाव तहसिल में कुल 7 आत्महत्या हुई है. इसमें क्वारंटाइन में रखे गए युवक समेत किसान, किसान पुत्र का समावेश है. मारेगाव तहसिल के इतिहास में पहली बार इतनी आत्महत्या की घटनाए घटी है. पायल गणपत धोबे (17) निवासी गौराला ने 5 मई को खुद ही के घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या की. साथही विजय प्रभाकर भोयर(27) निवासी छोटा पांढरकवडा ने फांसी लगाकर 8 मई को अपनी जीवनयात्रा समाप्त की. रोहित लाला दूधकोहले (22) निवासी पीसगाव ने भी 12 मई को फांसी लगाकर आत्महत्या की है. इसी दिन 12 मई को गणेश आत्माराम रोगे (35) निवासी देवाला ने कुए मे कुदकर आत्महत्या की है.

गोंड बुरांडा ग्राम का रामा वठ्ठिल आत्राम युवक अहमदनगर जिले के नगर मे एक निजी कंपनी में काम करता था, लॉकडाउन के चलते काफी कठीनाइयो से वह अपने गाव लौटा. उसे गाव की ही जिप शाला में बनाए गये क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था. शाला की दिवार से छलाँग लगाकर वह भाग गया. इसके बाद कुछ दुरी पर एक तालाब के पास के जंगल में पेड पर फांसी का फ़ंदा दालकर आत्महत्या की. फसल ना होना, कर्ज से त्रस्त होकर सुर्ला ग्रामनिवासी हनुमंत रामराव आत्राम ने भी फांसी लगाकर आत्महत्या की थी, धामणी ग्राम के किसान नीलकंठ चिमणा भडके ने तालाब मे छलाँग लगाकर आत्महत्या की है.