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    उमरी-पांढरकवड़ा. पांढरकवड़ा तहसील के दातपाड़ी में ननद ने अपनी भाभी को जिंदा जला दिया है. यह दिल दहला देने वाली घटना रविवार की सुबह सामने आयी है. बताया जाता है कि भाभी को बेटी पैदा होने पर उसकी बेटी पर परिवार वालों का स्नेह कम हो जाएगा. इस जलन से ननद ने आइल फेंककर भाभी को जिंदा जला दिया. घटना का पता चलते ही परिसर में घटना को लेकर सनसनी फैल गई है. मृतक का नाम मोनिका गणेश पवार है. जबकि आरोपी महिला का नाम कांत संजय राठोड़ है. 

    जिले में इस घटना को लेकर हड़कम्प मचा है. जानकारी के अनुसार दातवाड़ी निवासी मोनिका गणेश पवार ने 4 जुलाई को एक प्यारी सी बच्ची को जन्म दिया. बच्ची के जन्म देने के बाद ही उसकी ननद कांता संजय राठोड़ ने विवाद शुरू कर दिया, किंतु मोनिका की अभी अभी प्रसूति हुई थी. वह प्रसूति की पीड़ा से उभर नहीं पायी थी. इसलिए उसने विवाद को नजरअंदाज कर दिया. 

    जन्म होने के 4 दिन बाद ही दिया घटना को अंजाम 

    बच्ची का जन्म 4 जुलाई को हुआ था. बच्चों को जन्म देने के बाद यानी 8 जुलाई को मृतक मोनिका बाथरूम में गई थी. इस दौरान ननद कांता ने मौका देखा और मृतक के शरीर पर आइल डालकर उसे जिंदा जला दिया. इसमें मृतक 80 फीसदी झुलस गई थी. 

    सेवाग्राम के अस्पताल में चल रहा था इलाज

    मोनिका को घटना के बाद इलाज के लिए सेवाग्राम के एक अस्पताल में ले जाया गया. अस्पताल में वह 10 दिनों से भर्ती थी, किंतु उसकी 17 जुलाई की रात मौत हो गई. मृतक का 4 साल का बेटा और 14 दिनों की बेटी है. पांढरकवड़ा थाने में ननद के खिलाफ भादंवि की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया है. आगे की जांच जिला पुलिस अधीक्षक डा. दिलीप पाटिल भुजबल, अनुमंडल पुलिस अधिकारी प्रदीप पाटिल और पुलिस निरीक्षक रामकृष्ण महले के मार्गदर्शन में सहायक पुलिस निरीक्षक भरत चापाईतकर और सहकर्मियों की ओर से की रही है. 

    लगातार बढ़ रहे भ्रूण हत्या के मामले 

    उल्लेखनीय है कि कन्या भ्रूण हत्या के मामलों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. यवतमाल जिले के पांढरकवड़ा तहसील में हुई घटना मानवता के लिए शर्मसार करने वाली है. 

    बहुत ही निंदनीय घटना 

    इस तरह की घटना बेहद चिंताजनक है. आजादी के 75 साल बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है. कन्या भ्रूण हत्या का स्वरूप दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है. पांढरकवड़ा क्षेत्र में जो हुआ वह बेहद निंदनीय है. मैं इस घटना की निंदा करती हूं.  

    डा. लीला  भेलें 

    लड़की को जन्म देने में महिला दोषी नहीं

    लड़की को जन्म देना पुरुषों के हाथ में होता है और इसमें महिला का कोई दोष नहीं है, यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सिद्ध हो चुका है. परंपरागत संस्कृति की महिलाओं का उत्पीड़न आज भी खुलेआम किया जा रहा है. इस गंभीर प्रकार को दिन-ब-दिन कम होने चाहिए .

    डा. रजनी कांबले, स्रीरोग विशेषज्ञ. यवतमाल.