बारिश की कमी के कारण दोबारा बुआई का संकट, मृग नक्षत्र गया सुखा

  • पहापल परिसर 200 हे. कपास की बुआई को नुकसान

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पांढरकवडा. मानसून के इस वर्ष समय पर आने की उम्मीद है, किसानों ने समय पर बुआई पूरी की. राज्य के कुछ हस्सिों में बारिश हुई है, लेकिन पांढरकवडा तहसील के पहापल व परिसर के  बोथ, बहात्तर, केलापुर, लिंगटी, भाडऊमरी, केगाव, वडनेर, दहेली तांडा, झुली व अन्य गांवों बारिश ने दस्तक नहीं देने से किसान चिंतित है, क्योंकि वे अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे है. स्थिति ऐसी है कि किसानों को दोहरी बुआई की समस्या का सामना करना पड रहा है. क्योंकि वर्षा पर आधारित फसलों की अनुपलब्धता के कारण भूमि पूरी तरह से सूखी है. किसानों ने साहूकारी कर्ज लेकर बिज, खाद का जुगाड जमाकर मृग नक्षत्र के बारिश के भरोसे पर कपास, सोयाबीन, तुअर की फसलों की बुआई की थी.

हालांकि प्रकृति के उलटफेर के कारण किसान बडी मुसीबत में है. अब आगे कैसा होगा? पैसा तो खत्म हुआ, दोबारा बुआई के लिए बिज, खाद व किटनाशक खरीदने के लिए पैसे कहां से लाए? ऐसा सवाल बलीराजा के सामने उपस्थित हुआ है. ऐसे ही हालात केलापुर तहसील के प्रत्येक गांव में देखने मिल रही है. जमीन में बाए गए महंगे बिज बारिश के कमी के कारण खराब हो रहे हैं.

साथ ही अधिकांश किसान सरकार द्वारा दी गई कर्जमाफी से वंचित हैं और बैंक से किसानों को कृषि के लिए कर्ज प्राप्त करने में कठिनाईयां नर्मिाण हो रही है. कोरोना के विनाशकारी संकट ने किसानों का आर्थिक नियोजन में बाधा उत्पन्न की है, क्योंकि किसानों को इस साल अपने खेत की उपज को कम द पर बेचना पडा है. इसलिए क्षेत्र के किसानों की मांग है कि सरकार को संकट की घडी में किसानों को मदद कर दोबारा बुआई के संकट में सहयोग करने की मांग परिसर के किसानों ने की है.