Farmers
प्रतीकात्मक तस्वीर

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यवतमाल. चक्रवाती तूफान आने की संभावना को देखते हुए कपास खरीदी करने से पणन महासंघ ने मना कर दिया, लेकिन प्रशासन ने टोकन पद्धति से कपास खरीदी के आदेश जारी किए थे. पणन और प्रशासन में लंबा पत्र व्यवहार शुरू हुआ. गत कुछ दिनों में हुई बारिश से जिनिंग में कपास गीला हो गया. इस कपास को अब अंकुर फूट गए हैं. कोरोना वायरस की तर्ज पर लागू लॉकडाउन से कपास खरीदी बंद की गई थी, लेकिन किसानों का कपास घर में पड़ा हुआ था. किसानों की मांग को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग पालकर कपास खरीदी प्रारंभ करने के निर्देश जारी किए थे.

इस निर्देशानुसार गत 20 से 25 दिनों से टोकन पद्धती से कपास खरीदी प्रारंभ हुई. अब जिले में लगभग 30 जिनिंग में कुल साढ़े चार लाख क्विंटल कपास खरीदा गया था. ऐसे में सोमवार और मंगलवार को हुई बेमौसम बारिश से करीब डेढ़ लाख क्विंटल कपास गीला हो गया. गीले कपास से काफी नुकसान होने की संभावना है. चक्रवाती तूफान की संभावना से पणन महासंघ के संभागीय व्यवस्थापक सीपी गोस्वामी ने पत्र लिखकर चक्रवाती तूफान और मूसलाधार बारिश होने की संभावना ध्यान में लेकर कपास खरीदने से मना किया. इसमें प्रमुखता से यवतमाल, बाभुलगांव, कलंब, आर्णी, पुसद, महागांव तहसील के केंद्र बुधवार, 3 जून से आगामी आदेश तक बंद रखने की सूचना दी गई है. इसके बाद उपनिबंधक ने इसकी जानकारी जिलाधिकारी को दी.

मौसम में बदलाव से खरीदी बंद
चक्रवाती तूफान के तहत यवतमाल जिले का समावेश नहीं होने की बात कहकर कपास खरीदी टोकन प्रक्रिया शुरू रखने का आदेश प्रशासन ने दिया है. इस पर प्रशासन और पणन महासंघ में कपास खरीदी पर से नोंक झोंक स्पष्ट हो रही है. अब पत्र व्यवहार शुरू है. 3 जून को हुई बारिश के बाद से कपास खरीदी बंद थी. इस दौरान मौसम विभाग ने व्यक्त की संभावना को ध्यान में लेकर कपास खरीदी बंद की गई है. यह जानकारी कपास पणन महासंघ से मिली है.