There is no arrangement of government office, employees also in rented house

  • जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन,

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यवतमाल. जिले के एक लाख से अधिक किसान कर्जमाफी के लिए पात्र घोषित किए गए हैं. राज्य सरकार ने बैंकों को कर्जमाफी का आदेश जारी किया पर बैंकों को कर्जमाफी देने के लिए रिजर्व बैंक ने इंकार किया है. ऐसे में परेशान किसानों ने जिला कचहरी पहुंचकर कर्ज माफी की राशि शीघ्र मंजूर करने की मांग की. महात्मा ज्योतिबा फुले कर्ज मुक्ति योजना में जिले के एक लाख किसान पात्र साबित हुए. इन किसानों का कुल 750 करोड़ का कर्ज इस योजना में माफ होने वाला था.

लॉकडाउन के कारण यह संपूर्ण प्रक्रिया थम गई, अब राज्य सरकार के अद्यादेश के साथ प्रधान सचिव के पत्र से भी बैंक कर्ज देने के लिए तैयार नहीं है. रिजर्व बैंक की सूचना के बाद ही कर्ज वितरित किया जाएगा. ऐसा बैंकों के प्रबंधन ने स्पष्ट किया है. इसलिए बैंक किसानों को कर्जमाफी के लिए तैयार नहीं है. बैंकों ने कर्जदार किसानों को आरबीआई की सूचना के बाद ही कर्ज देने का पत्र दिया है. यह पत्र लेकर कई किसान जिला कचहरी में पहुंचे. इस समय किसानों ने लॉकडाउन तथा आर्थिक समस्या प्रशासन के समक्ष रखी. कर्जमुक्ति देकर नए से कर्ज देने की मांग किसानों ने की.

इस समय विदर्भ किसान विकास परिषद के नेतृत्व में ज्ञापन पेश किया गया. शष्टिमंडल में विजय कदम, अशोक भूतडा, विलास राठोड़, अकबर नुरानी, उमेश टेकाड़े, प्रतिभा गुजर के साथ अन्य किसान उपस्थित थे. बॉक्सर्‍ मुख्यमंत्री से किसानों ने लगाई गुहार, राज्य में किसान हर तरफ से छला जा रहा है. प्रकृति की मार ने उसे कही का नहीं छोड़ा है. मुख्यमंत्री ने किसानों को कर्जमुक्ति का वादा किया था, अब %कर्ज मुक्ति% तो क्या किसानों को बैंक नया कर्ज भी देने को तैयार नहीं है. ऐसे में किसान आर्थिक संकट में है. उन्होंने सरकार से शीघ्र कर्ज मुक्ति के लिए आवश्यक कदम उठाने की गुहार लगाई है.