बा. ना. धागामील की गतवैभव की ओर बढ रहे कदम

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पुसद. किसान कारखानदार होना चाहिए यह स्व. वसंतराव नाईक का सपना पुर्ण करने के लिए पुसद परिसर में विविध शक्कर कारखाने, धागामील निर्माण कर किसानों के माल को उचित दाम दिया. बा.ना. धागामील पिंपलगाव ने देश में उत्कृष्ट धागामील होने का विविध पुरस्कार प्राप्त किए. बा.ना. धागामील का नाम देश ही नही तो विदेश में भी प्रख्यात है.

मजदुरों के हित को दिया महत्व

कोरोना की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के दौरान बा.ना. धागामील भी दो माह बंद थी. इस दौरान मजदुरों पर भुकमरी की नौबत ना आए इसलिए नवनियुक्त अध्यक्ष राजेश आसेगांवकर ने अपने सहयोगी से विचारविमर्श कर मनोहर नाईक के मार्गदर्शन में दो माह का 50 फिसदी वेतन दिया. साथही राजेश आसेगावकर ने मजदुर कोरोना संक्रमण से बचे रहे इसलिए उन्हे  कोरोना किट वितरीत की.

बा. ना. धागामील में मजदुरों को शुद्ध तथा स्वच्छ पानी पिने के लिए मिले इसलिए यहा आरो प्लांट लगाया गया. मजदुरों को नियमनुसार 8.33 फिसदी बोनस देने का प्रावधान है. लेकिन दिपावली का बोनस 9 फिसदी देने की घोषणा उन्होने की है.  धागामील पहले जैसी शुरू करते समय विविध समस्याओं से जुझना पडा. मिल में हाइ क्वालिटी का धागा उपज 88 फिसदी तक बढा है. यही उपज 100 फिसदी बढाने की मंशा अध्यक्ष राजेश आसेगावकर ने व्यक्त की. 

सोलर प्लांट का प्रस्ताव

बिजली वितरण कंपनी के अधिक आ रहे बिजली बिल की वजह से मिल की अर्थव्यवस्था पर तणाव आता है. यह तणाव कम करने के लिए सोलर प्लांट लगाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया. विदर्भ के शक्कर कारखाने, धागामील बंद होने की कगार पर है. लेकन  बा.ना. धागामील अपने कदम गत वैभव की ओर तेजी से बढा रही है.