पंजीयन की प्रकिया अटकी, अब तक जिले के 96,819 श्रमिकों ने कराया पंजीयन

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    यवतमाल. विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने श्रमिक कल्याण विभाग के माध्यम से श्रमिकों का पंजीयन किया जाता है. परिणामस्वरूप जिले के 96,819 श्रमिकों ने श्रम विभाग में पंजीयन कराया. कोरोना व विभिन्न कठिनाइयों ने इसे बाद के समय में नवीनीकृत होने से रोक दिया. इसके चलते 78 श्रमिक योजना से वंचित है. इसका खामियाजा मजदूर परिवार को उठाना पड़ता है. विभिन्न स्थानों पर कार्यरत श्रमिकों का पंजीयन श्रम विभाग के माध्यम से किया जाता है.

    इस प्रवेश के बाद उच्च शिक्षा, आर्थिक तंगी, बीमारी और स्कॉलरशिप जैसी मदद की भी सिफारिश की जाती है. इसके अलावा श्रमिकों के लिए आवश्यक उपयोगी सामग्री श्रम कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराई जाती है. इसमें से जिले के कार्यकर्ताओं का पंजीयन किया गया. उस कार्यालय के बाहर लंबी-लंबी कतारें थीं. इससे जिले में श्रमिकों का पंजीयन 96,819 पहुंच गया. इन श्रमिकों को पंजीकरण के बाद दूसरे वर्ष में नवीनीकृत करने की आवश्यकता है. श्रमिकों के परिवारों को सरकार की योजना का लाभ मिलता है. 

    17,568 ने कराया ऑनलाइन पंजीयन

    जिले में अब तक 17, 568 श्रमिकों के ऑनलाइन पंजीकरण का नवीनीकरण किया जा चुका है. 6,522 मामले लंबित हैं. श्रमिकों को उनके खेत में 5 हजार रुपये तक की उपयोगी सामग्री मिलेगी. सभी मामले फिलहाल लंबित हैं. पिछले डेढ़ साल से कोरोना ने पूरी प्रक्रिया को प्रभावित किया है. इस खंड में पंजीकरण हाल ही में ऑनलाइन किया गया है. कार्यकर्ताओं को प्रक्रिया समझ में नहीं आई. साथ ही कोरोना के कारण उनके पंजीकरण के तरफ अनदेखी हो गई. इससे मजदूर के परिवार को बहुत महत्वपूर्ण योजनाओं को छोड़ना पड़ा. इस कार्यालय के पास आवेदन को नवीनीकृत करने के लिए आवश्यक जनशक्ति नहीं है. इससे नवीनीकरण के लिए आवेदनों को संसाधित करने में कठिनाई हो रही है.

    इन योजनाओं को मिलेगा लाभ

    इंजीनियरिंग शिक्षा के लिए 60 हजार और चिकित्सा शिक्षा के लिए एक लाख मजदूरों के बच्चों को इंजीनियरिंग शिक्षा के लिए 60 हजार रुपये, चिकित्सा शिक्षा के लिए 1 लाख रुपये और स्नातक शिक्षा के लिए 20 हजार रुपये की सहायता है. काम के दौरान मरने वाले श्रमिकों को 5 लाख रुपये की सहायता दी जाती है. लडकी के शादी के लिए 30 हजार रुपये और बच्चे के जन्म के लिए 20 हजार से 25 हजार रुपये तक का प्रावधान किया गया है. सभी योजनाओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की आवश्यकता है.

    उच्च शिक्षित 7,000 लाभार्थियों को मिली छात्रवृत्ति

    2015 से 2021 तक उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले केवल 7 हजार 149 लाभार्थियों को छात्रवृत्ति मिली है. आवास निर्माण अनुदान के लिए केवल 2 लाभार्थी पात्र हैं. यह गंभीर मामला तब सामने आया है. जब विशाल ठाकरे ने सूचना के अधिकार कानून में जानकारी मांगी थी. लेबर बोर्ड के पास 10 हजार करोड़ रुपये का बैलेंस है.श्रमिकों का पंजीकरण नहीं होने के कारण उन्हें इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है.