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    यवतमाल. स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर जगह कोरोना टीकाकरण शुरू कर दिया है. यह प्रक्रिया आमतौर पर सुबह 10 बजे के बाद शुरू होती है, किंतु यह समय किसानों के लिए बुआई के लिए खेत जाने का है. अधिकांश किसान व खेत मजदूर सुबह 7 बजे के बाद खेत में रहते हैं. इससे कई लोगों के टीकाकरण से वंचित रहने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. इसलिए साहबराव पवार ने ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों और खेतिहर मजदूरों को सुविधाजनक समय पर टीका लगाने की मांग की है.

    टीकाकरण के बाद कुछ समय के लिए आराम की भी आवश्यकता होती है. इसलिए समय पर टीकाकरण से ग्रामीणों को योजना बनाने में आसानी होगी. बुआई का समय व्यस्त समय होता है.  इन दिनों किसानों का समय बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए किसान फसल की खेती, बीज और उर्वरक के मिलान, बुआई, श्रम की उपलब्धता पर सबसे अधिक ध्यान देते हैं.

    ग्रामीण क्षेत्रों में जनजागृति की जरूरत

    ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह 7 से 10 बजे तक और शाम को 5 से 8 बजे तक टीकाकरण किया जाता है, तो ग्रामीणों की प्रतिक्रिया अधिक होगी. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना टीकाकरण को लेकर भारी भ्रांतियां हैं. सोशल मीडिया के जरिए फैलाई गई गलत सूचनाओं के कारण अतीत में कई अफवाहें फैल चुकी हैं. इसके बारे में जनजागृति पैदा करना भी उतना ही जरूरी है. पवार ने आशा व्यक्त की है कि न केवल स्वास्थ्य कार्यकर्ता बल्कि ग्रामसेवक, पटवारियों जैसे सरकारी कर्मचारी और लोगों के सीधे संपर्क में आने वाले शिक्षक भी लोगों को उचित जानकारी प्रदान करें. इस अभियान को पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर लागू करने की जरूरत है. उन्होंने संभावित तीसरी लहर को रोकने के लिए समाज के अन्य वर्गों को शामिल करने के लिए टीकाकरण अभियान का विस्तार करने की मांग की है.