File Photo
File Photo

    Loading

    यवतमाल. प्रलंबित मुद्दों को सुलझाने की मांग को लेकर पशु चिकित्सक आक्रामक हो गए हैं. मांग पूरी नहीं होने पर 26 जुलाई से पशुचिकित्सालय को ताला जड़कर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी चेतावनी दी है. सहायक आयुक्त पशुपालन व पशुधन विकास अधिकारी ग्रुप-ए सेवा प्रवेश नियम संशोधन प्रक्रिया चल रही है.

    इस पद के लिए मौजूदा सेवा प्रवेश नियमों में डिप्लोमा या प्रमाणपत्र पशु चिकित्सकों के लिए पदोन्नति कोटा है. अतः इस पद के लिए सेवा प्रवेश नियम तैयार करते समय संगठन को समिति में स्थान दिलाने की मांग की जाती है. डिप्लोमा प्रमाणपत्र धारकों के लिए पदोन्नति कोटा पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है. साथ ही पशुधन विकास अधिकारी पद के लिए संशोधित सेवा प्रवेश नियमावली में डिप्लोमा प्रमाणपत्र धारकों के लिए 15 प्रश कोटा निरस्त कर दिया गया है. 

    पशुधन विकास अधिकारी समूह-अ पंचायत समिति स्तर का पदनाम बदलकर तहसील पशुसंवर्धन अधिकारी कर दिया गया है. इसलिए राज्य के 357 तहसीलों में पशुधन विकास अधिकारियों के पद पशुधन विकास अधिकारी समूह-बी के लिए निर्धारित किए गए हैं. राजपत्रित पशु चिकित्सा संघ के विरोध के कारण स्थगित किया गया है. उन्होंने मांग की कि स्थगन हटाया जाए. डॉ. सुनील काटकर, महासचिव डा. एम. पी. कानोले, कार्याध्यक्ष डा. डी. आर. चौधरी, कोषाध्यक्ष डॉ. पवन भागवत भी मौजूद थे.

    स्थायी यात्रा भत्ता स्वीकृत करें

    मौजूदा सेवा प्रवेश नियमावली के अनुसार पशुधन पर्यवेक्षक, सहायक पशुधन विकास अधिकारी, पशुधन विकास अधिकारी, सहायक आयुक्त पशुपालन की पदोन्नति के लिए श्रृंखला है. इससे पहले इस तरह से कैडर के कर्मचारियों को पदोन्नत किया जा चुका है. मांग की गई कि ग्रामसेवक कृषि सहायक की तर्ज पर संवर्ग के कर्मचारियों को मासिक वेतन से स्थायी यात्रा भत्ता स्वीकृत किया जाए.