- राज्य में चार महिनों में 17 बाघों की मौत
यवतमाल. जिले के मुकुटबन वनपरिक्षेत्र के मांगुर्ला में एक बाघिन को मार कर सबूत नष्ट करने के इरादे से उसे जलाने का प्रयास किया गया. इस घटना ने जिले में मानव-वन्यजीव संघर्ष को तेज कर दिया है. बाघिन की मौत के कारण का पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी भी प्रतीक्षित है. वन विभाग ने इस संबंध में मामला दर्ज किया है.
राज्य में 4 महीने में 17 बाघों की मौत
जिले सहित पूरे राज्य में बाघों की मौत का सिलसिला जारी है. अब तक जंगल में 17 बाघों की मौतें दर्ज की गई हैं. कुछ बाघ भोजन और पानी की कमी के कारण भुखमरी से मर गए हैं. कुछ शिकार बन गए हैं. पिछले कुछ दिनों में यवतमाल जिले के वणी, मुकुटबन, पांढरकवड़ा, घाटंजी, टिपेश्वर अभयारण्य के साथ-साथ यवतमाल नांदेड़ जिले की सीमा पर स्थित पैनगंगा अभयारण्य में जंगली जानवरों के साथ बाघों की मौत देखी जा रही है. इससे पहले वणी तहसील के घोंन्सा खेत में बाघिन के गर्दन में फांस लगने से मौत हो गई थी.
पंजे काटकर ले गए आरोपी
घाटंजी तहसील के इंझाला के एक तेंदुए को अन्न पानी नहीं मिलने से मौत हुई. रविवार को मुकुटबन तहसील के मांगुर्ला में एक गर्भवती बाघिन की बेरहमी से हत्या कर उसके दोनों पंजे को काट कर लेजा या गया. सबूत नष्ट करने उसे एक गुफा के पास जलाने की घटना सामने आई. वन विभाग ने एक शव परीक्षण के बाद अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, किंतु अगले दिन आरोपियों के ठिकाने का पता नहीं चला है. बाघिन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी भी प्राप्त नहीं हुई है. कल शाम तक मुत्यु की रिपोर्ट आने की संभावना मुकुटबन के परिक्षेत्र अधिकारी वी. जे. वारे ने व्यक्त किया है. किसी भी शिकारी को गिरफ्तार नहीं किया है और इसकी जांच जारी है.