Wedding Hall

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यवतमाल. यवतमाल जिले के शादी के हॉल बारातीयों का इंतजार कर रहे है. गत मार्च माह से शादी हॉल बंद पडे है. यवतमाल शहर में 34 शादी के हॉल है तो 39 बैंड पथक है. तो लगभग 354 कॅटरींग का कारोबार करनेवाले है. इन सभी पर शादी का सिजन कोरोना महामारी की वजह से ठप होने के कारण भुकमरी का संकट आन पडा है. जिले के बैंड पथक ने लगभग 35 हजार लेबर काम करते है. इन मजदुरों पर अब भुकमरी का संकट आन पडा है. शादी में घोडों का भी महत्व होता है.

घोडों का व्यवसाय करनेवालों पर भी संकट आ पडा है. कुछ बैंड कर्मी ने लॉकडाउन के दौरान विविध काम कर अपना जीवन गुजारा. कुछ बडे बैंड व्यावसायिक ने बैंड का सिजन ना होने के कारण आम बेचने का व्यवसाय किया. कोरोना महामारी के कारण शादी के लिए केवल 100 बाराती की अनुमति सरकार ने दी है. इस वजह से शॉर्टकट में शादी निपटाने में लोग जुटे है.

लगभग 45 से 50 हजार रूपए हॉल का किराया होता है. इसमें उससे ज्यादा हॉटेल बेहतरीन रहेगा यह सोच में लोगों ने शादीयां अब हॉटेल में करने की मानिसकता बनाई है. यही मानसिकता कायम रही तो आनेवाले कुछ दिनों में मंगल कार्यालय बंद पडने की कगार पर है. और शॉर्टकट शादी निपटाने की प्रथा रूढ होने का डर बैंड कर्मीयों में है.

बैंड व्यवसाय पर ही हम है निर्भर

इस व्यवसाय के अलावा दुसरा व्यवसाय निर्माण करने के लिए लागत की जरूरत होती है. और यह लागत हमारे पास नही है. इसलिए हम बैंड के व्यवसाय पर ही निर्भर है. ऐसाही अगर चलता रहा तो हमे भुका मरना पडेगा. प्रधानमंत्री ने छोटे व्यावसायीकों को पैकेज घोषीत किया था. वह पैकेज किसे मिल रहा है. यह समज में नही आ रहा. – देवेंद्र वानखडे, जयभारत बैंड यवतमाल.

इस सीजन में हुई केवल दो शादीयां

इस सीजन में केवल दो शादीयां हुई है. और दिसंबर महिने की केवल एकही बुकींग है. केवल 100 बारातीयों की शादी में अनुमति होने के कारण लोग हॉल में शादी नही कर रहे. जबतक 500 लोगों की शादी को अनुमति नही प्राप्त होती तबतक शादी के हॉल को पुराने दिन आनेवाले नही है. – सागर शिंदे, मैनेजर माऊली हॉल, यवतमाल.