यवतमाल समेत जिले में कृषि विधेयक के विरोध में रहा बंद

  • भारत बंद को मिला अच्छा प्रतिसाद

Loading

यवतमाल. केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए किसान विरोधी कानून को निरस्त करने की मांग को लेकर किसानों आज भारत बंद को समर्थन देकर आंदोलन में हिस्सा लिया. जिले के शिवसेना, कांग्रेस, राकांपा, शेतकरी न्यायहक आंदोलन समिति, शेतकरी वारकरी संगठना आदि संगठनाओं ने समर्थन देकर आंदोलन में हिस्सा लिया. किसानों के देशव्यापी भारत बंद आंदोलन को यवतमाल शहर समेत जिले में को अच्छा प्रतिसाद मिला. यवतमाल शहर के बस स्टैंड चौक पर विविध शेतकरी संगठनाओं ने केंद्र की सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए, तीनों कृषि विधयकों को निरस्त करने की मांग की.

केंद्र सरकार ने किसानो के लिए जो तीन कानून बनाए हैं, वह किसानो के ही नहीं बल्कि आम नारगरिको के विरोध मे हैं, कुछ चुनिंदा उद्यमियो को लाभ दिलाने का केंद्र का यह प्रयास है. आज शहर के सभी व्यापारी प्रतिष्ठाने समेत कृउबास भी बंद थे. यवतमाल समेत जिले के उमरखेड, महागांव, ढाणकी, पुसद, दिग्रस, दारव्हा,  आर्णी, कलंब, बाभुलगांव, नेर, करंजी, वणी, झरी, घाटंजी, रालेगांव, पांढरकवडा आदि समेत अन्य शहरों बंद को समिश्र प्रतिसाद मिला. इस समय पुलिस का भी कडा बंदोबस्त था. इस आंदोलन में बडी संख्या में किसान भाईयों समेत विविध संगठन के पदाधिकारी व नागरिक उपस्थित थे. 

कलंब में किसानों का देशव्यापी आंदोलन

केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए किसान विरोधी कानून को निरस्त करने की मांग के संबंध में देशव्यापी भारत बंद आंदोलन के समर्थन में कलंब शहर में इस आंदोलन को अच्छा प्रतिसाद मिला. इस अवसर पर महाविकास आघाडी की ओर से कलंब के बस स्टैंड के पास रास्ता रोको आंदोलन कर प्रदर्शन किया. जिसके तहत आज शहर के सभी प्रतिष्ठाने समेत कृउबास भी बंद थी. शिवसेना, राष्ट्रवादी, कांग्रेस के नेताओं ने बंद की अपील की थी. इस आंदोलन में विविध सामाजिक संगठना, नागरिक शामिल होकर किसानों के हित के लिए शक्ति प्रदर्शन किया. इस समय राकांपा युवति कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष मनिषा काटे (भोसले), वर्षा निकम , कांग्रेस कमेटी कलंब तहसीलध्यक्ष मुरलीधर डेहनकर, राकांपा के कलंब तहसीलध्यक्ष सुधाकर निखाड़े, चंदु चांदोरे, सिद्धेश्वर वाघमारे, कलंब तहसील विकास मंच अध्यक्ष अशोकभाऊ उमरतकर, अमोल मेश्राम, निलेश धोंदे, रोशन पोटे, नित बंधु  राहुलजी सोनाले, करण मुन आदि कार्यकर्ता समेत किसानभाई शामिल हुए थे. इस समय पुलिस का कडा बंदोबस्त था.

वणी में  बंद आंशिक सफल

काँग्रेस, राष्ट्रवादी काँग्रेस, शिवसेना,माकपा, भारतीय कम्युनिस्ट पक्ष, वंचित आघाडी, बसपा आदी राजनितीक पार्टीयो सहीत विविध सामाजिक एवं किसान संगठन शामील हुए थे. शहर के प्रमुख बाजारों में गांधी चौक 90 प्र, तीलक चौक 70 प्र एवं आंबेडकर चौक 50 प्र. बंद रहा. सराफा बाजार एवं कृषी केंद्र 100 प्र बंद रहे.  सुबह 10 बजे विविध राजनितीक पार्टीयो व्दारा शीवाजी महाराज की प्रतिमा को माल्यार्पण कर मोर्चा निकाल कर प्रदर्शन किया. 

 केद्र सरकार ने काले कानून वापस नहीं लेने पर आगे आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी गई.पश्चात  एसडीओ शरद जावले को ज्ञापन सौपा गया. 

ज्ञापन पर हस्ताक्षर करनेवालो मे काँ. शंकर दानव, कॉ. दिलीप परचाके, अजय धोबे, मंगल तेलंग, अनिल हेपट, दिलिप भोयर, नंदू बोबडे, राजू तुराणकर, तेजराज बोढे, संदीप गोहोकर, सूर्यकांत खाडे, सौरभ वानखेडे, दिलिप अड्डे, डाँ महेंद्र लोढा, राजाभाउ बिलोरीया राजभाऊ पाथ्रडकर, विवेक मांडवकर, प्रवीण खानझोडे, प्रमोद वासेकर, अशोक नागभीडकर, रवि कोठावार, गौतम जिवणे, रज्जत सातपुते, जनार्धन थेटे, प्रलय तेलतुंबडे, प्रशिल तामगाडगे, गीत घोष, विलास घोगरे, विप्लव तेलतुंबडे, टिकाराम कोंगरे, रामदास कुचनकर, सुनील वरारकर, ओम ठाकूर, प्रमोद लोणारे, भास्कर गोरे, शैलेश गुंजेकर, अजिंक्य शेंडे का समावेश है.

बाभुलगांव में रहा बंद

केंद्र सरकार के तीनों कृषि विधेयकों को निरस्त करने के लिए बाभुलगांव बस स्टैंड चौक पर किसानों ने ठिया आंदोलन किया.  आंदोलन में तहसील के किसान, शेतकरी संगठना, शिवसेना, कांग्रेस व राकांपा ने आंदोलन को समर्थन दिया. आज यवतमाल-धामणगांव मार्ग पर स्थित बस स्टैंड चौक में किसानों ने ठिया आंदोलन किया. बाभुलगांव शहर का समूचा मार्केट बंद रखा गया. इस समय अपनी मांगो का तीनों अन्यायपूर्ण कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग का ज्ञापन तहसीलदार विट्ठल कुमरे को सौंपा. इस प्रदर्शनकारी किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ घोषणा बाजी की. आंदोलन अनुचित घटना को टालने के लिए पुलिस का कडा बंदोबस्त लगाया था. आंदोलन में शिवसेना के तहसील प्रमुख वसंता जाधव, कांग्रेस डा. रमेश महानुर, गजानन नाईकवाड महाराज, राकांपा के प्रशांत खडसे, मोहने बनकर, प्रकाशचंद छाजेड, मनमोहन भोयर, कृउबास के सभापति नरेंद्र कोंबे, उपसभापती महेंद्र घुरडे,मुकेश देशमुख, राजू पांडे, डा. रिकबचंद तातेड, प्रकाश जानकर, श्रीकांत कापसे, जयंत घोंगे, माधव नेरकर, बल्लू जगताप, अमोल कापसे, अमेय घोडे, चंदु परचाके, सै.जहीर, रमेश लोखंडे,रामेश्वर पेरकुंडे, सतीश कावले, गजु पांडे, विक्रम बè-हाणपुरे, विजय भेंडे, सागर धवने, भानुदास राऊत, रमेश पराते, गजानन पराते, दिलीप गावंडे, अनिल गावंडे, गजानन कोलनकर, नंदु अडेकर, आदिनाथ पुरी, दादाराव शेलके, गजानन कडूकार, खुशालराव हिवरकर आदि ने हिस्सा लिया था.

मारेगाव में भारत बंद को मिला सभी दलों का समर्थन

शेतकरी संगठन के भारत बंद को मारेगांव शहर में अच्छा प्रतिसाद मिला. इस समय भाजपा को छोडकर अन्य सभी दलों ने भारत बंद को अपना समर्थन दिया. तीन कृषि विधयेक के खिलाफ दिल्ली में सिंधु बार्डर में चल रहें शेतकरी आंदोलन को राकांपा, मनसे, कांग्रेस, शिवसेना, भाकप, स्वराज्य युवा संगठन, व्यापारी संगठन व आदि सामाजिक संगठनाओं ने समर्थन दिया. इस समय सभी दलों के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने एकजूट होकर शहर की प्रतिष्ठाने बंद रखने का आवाह‍्न किया.

उमरखेड और महागांव में रहा कडा बंद

भाजपा को छोडकर अन्य सभी दलों व सामाजिक संगठनाओं ने केंद्र सरकार द्वारा पारित किए तीनों विधयेकों को निरस्त करने की मांग को लेकर उमरखेड शहर व ग्रामीण परिसर में कडा बंद था. शहर के गांधी चौक में कांग्रेस, राकांपा, शिवसेना व प्रमुख दलों व श्रमिक शेतकरी संगठन, किसान एकता शेतकरी सामाजिक संघटना, भारतीय यूवा मोर्चा, राष्ट्रीय किसान मोर्चा, लहुजी क्रांती मोर्चा, राष्ट्रीय मुल निवासी महिला संगठन आदि समेत विविध संगठनाओं ने बंद को समर्थन दिया. साथ ही ढाणकी, विडूल, ब्राम्हणगांव, साखरा, मतखंड परिसर, बिटरगांव, मुलावा व पोफाळी आदि कडा बंद था. इस आंदोलन में कांग्रेस के पूर्व विधायक विजयराव खडसे , पूर्व विधायक प्रकाश पाटील देवसरकर, तातू देशमुख, नंदकिशोर अग्रवाल, दत्तराव शिंदे, डा. अनंतराव कदम, पं .स . सभापती प्रज्ञानंद खडसे, राकांपा के भिमराव चंद्रवंशी, एजास खाँ पठाण, सेना के चितांगराव कदम, स्वाभीमानी शेतकरी संगठन के तहसीध्यक्ष रविंद्र जैन, रा. कि. मोर्चाचे प्रदेश कोषाध्यक्ष चक्रधर पाटील देवसरकर आदि उपस्थित थे. इस समय अति. जिला पुलिस अधिक्षक धारणे, उपविभागीय पुलिस अधिकारी वालचंद मुडे के मार्गदर्शन में थानेदार संजय चौबे ने कडा बंदोबस्त रखा था.

महागांव में निकली मोटरसाइकिल रैली

महागांव में किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए मोटरसाइकिल रैली का आयोजन किया. जिसमें राष्ट्रीय किसान मोर्चा, किसान युवा क्रांति संगठन, संभाजी ब्रिगेड ने हिस्सा लिया. किसान नेता नागोराव कदम, प्रमोद जाधव, अमोल गावंडे, आशीष गावंडे, गजानन काले, देविदास पाटिल, किशोर नगारे, प्रभाकर पांगरकर, राम जाधव, प्रशांत कलाने, चेतन ठोमरे, नितिन राठोड, कार्तिक रावते, गजानन धोतरकर, संतोष मते, सतीष ठाकरे, गणेश जाधव, डा. संदीप शिंदे, ऋषिकेश बलखंडे, पप्पू ढोलस, अवधुत यादव, रमेश गोरे, गुलाब मते ज्ञानेश्वर जाधव, हनुमान दरोडे, समाधान खंडागले आदि कार्यकर्ता, पदाधिकारी शामिल हुए.

करंजी रोड में रहा बंद

कृषि विधेयक कानून के खिलाफ किसानों ने मोर्चा निकालकर अन्यायकारक कानून को निरस्त करने की मांग के लिए देशव्यापी आंदोलन में शामिल हुए. करंजी शहर में कडा बंद पाला गया. इस समय सभी व्यापारी प्रतिष्ठान बंद थे. विविध सामाजिक संगठना, नागरिकों ने स्वंयस्फूर्ति से बंद को समर्थन देकर किसानों के हित में होने का परिचय दिया.

पांढरकवडा में व्यापारियों से मिला प्रतिसाद

8 दिसंबर के भारत बंद को देश के किसानों के साथ खडा होकर स्थानीय व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर आंदोलन हिस्सा लेकर अच्छा प्रतिसाद दिया. केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि विधेयक को निरस्त करने की मांग को लेकर केलापुर तहसील के सभी किसान व कृउबास, विविध राजनीति दल व संगठनाओं ने अपना समर्थन दर्शाया. जिसके तहत सुबह 9 बजे अनुरोध रैली निकाली व सभी व्यापारियों ने बंद में हिस्सा लेने का आवाहृन किया. पांढरकवडा शहर में बंद को समिश्र प्रतिसाद मिला.

पुसद में भारत बंद को उत्स्फूर्त प्रतिसाद

बहुजन क्रांती मोर्चा, राष्ट्रीय किसान मोर्चा, भारतीय विद्यार्थी, युवा बेरोजगार मोर्चा, स्वाभिमानी शेतकरी संघटना, महाराष्ट्र राज्य किसान सभा, संभाजी ब्रिगेड, भारतीय बौद्ध महासभा, राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद, उपेक्षित दलित सामाजिक परिषद, राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा, बिरसा मुंडा ब्रिगेड, आदी विविध सामाजिक संघटना तसेच राष्ट्रीय काँग्रेस पक्ष,राष्ट्रवादी काँग्रेस, शिवसेना, बहुजन मुक्ती पार्टी, वंचित बहुजन आघाडी, मनसे, एम. आय. एम. आय. एम,आंबेडकराईट पार्टी ऑफ इंडिया आदि संगठनाएं शामिल हुए. पुसद के छत्रपति चौक में सुबह 10.30 बजे पुसद बंद का आवाह‍्न करने के लिए बडी रैली निकाली. विविध शेतकरी संगठन के नेता व विविध दलों के नेताओं ने इस समय मार्गदर्शन किया. व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर इस आंदोलन को समर्थन दिया. केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि विधयकों को निरस्त करने की मांग का ज्ञापन देश महामहीम राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार को सौंपा गया. इस समय डा. मोहम्मद नदीम, सुधीर भाऊ देशमुख, बालासाहब कामारकर, गणपतराव गव्हाले, लक्ष्मण कांबले, एड. उमाकांत पापिनवार, राजू दुधे, सय्यद सिद्दिकोदिन, राजेश ढोले, हाजी रियासत अली, किशोर कांबले, विश्वजीत लांडगे, सुभाष धुलधुले आदि विविध शेतकरी संगठना, सामाजिक संगठना व राजनीतिक दलों के नेता, कार्यकर्ता उपस्थित थे.

दिग्रस में भी रहा कडा बंद

दिग्रस में कडा बंद रहा. शिवसेना, कांग्रेस, राकांपा समेत विविध शेतकरी संगठनाओं समेत सामाजिक संगठनों ने बंद को समर्थन करते हुए हिस्सा लिया. इस समय लालसिंग राठोड, सलीम खान पठाण, राजेंद्रसिंह चव्हाण, प्यारेलाल सगणे, भारत पाटील, दिनेश सुकोडे, दादाराव राठोड, पंजाबराव जाधव, इमरान अली, किसन जाधव, संजय राठोड, अशोक खंडारे, मम्मद हनिफ मम्मद शेखजी, शेख मक्सूद, ज्ञानेश्वर भारस्कर, गोपाल आडे, जमीर खान, अशोक खंडारे, सुरेंद्र चिरडे समेत राकांपा, युवक राष्ट्रवादी कांग्रेस, महिला राष्ट्रवादी कांग्रेस, विद्यार्थि सेल के कार्यकर्ताओं समेत बडी संख्या में किसान एवं नागरिक शामिल हुए थे.